The Resistance Front: आतंकी समूह 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं और कार्यकर्ताओं की जान लेने की धमकी दी है. जानकारी के मुताबिक 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' ने आरएसएस के 30 कार्यकर्ताओं को चिन्हित किया है जिनको वो मौत के घाट उतारने की तैयारी कर रहा है. दरअसल, आतंकी संगठन ने एक पोस्टर रिलीज किया है जिसमें यह दावा किया गया है कि समूह आरएसएस के 30 कार्यकर्ताओं की जान लेगा.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में एक्टिव रेजिस्टेंस फ्रंट आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) की ही एक शाखा है. जो जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ ऑनलाइन रूप से अभियान चलाता है. अपने ऑनलाइन कैंपेन के 6 महीने के अंदर ही फ्रंट ने अपना मजबूत संगठन तैयार कर लिया. साल 2020 के बाद से इस फ्रंट ने जम्मू-कश्मीर में होने वाले आतंकी हमलों की जिम्मेदारी लेनी शुरू कर दी और पुलिस ने इससे जुड़े कई लोगों को भी धर दबोचा.
मोहन भागवत ने कही ये बात
बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने स्वतंत्रता सेनानी हेमू कलानी की जन्मशती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सिंधी समुदाय को संबोधित किया. 1 अप्रैल को आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान भागवत ने कहा कि आजादी के सात दशक से ज्यादा समय बाद भी पाकिस्तान के लोग खुश नहीं हैं और वे मानते हैं कि भारत का विभाजन एक गलती थी.
इस दौरान भागवत ने 'अखंड भारत' को सत्य और विभाजित भारत को एक दुखद सपना बताया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 1947 से पहले भारत था, लेकिन अपनी जिद की वजह से वह भारत से अलग हो गया. लेकिन क्या वह भारत से अलग होकर खुश है? अपने संबोधन के दौरान आरएसएस प्रमुख ने भारत के निर्माण की आवश्यकता पर जोर डाला.
ये भी पढ़ें: अरुणाचल की 11 जगहों को चीन ने दिया नया नाम तो भड़का विदेश मंत्रालय, कहा- 'भारत का अभिन्न अंग, वास्तविकता...'