मध्य प्रदेश : सीरियल किलर की वजह से सागर सेंट्रल जेल में बंद बाकी कैदियों को नहीं आ रही है नींद
सीरियल किलर की गिरफ्तारी के बाद से ही सागर सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के रातों की नींद हराम है. उन्हें इस बात का खौफ सता रहा है कि जेल में बंद 19 साल का किलर कहीं उन पर हमला नहीं कर दे.
सितंबर की शुरुआत में मध्य प्रदेश के सागर शहर में एक सीरियल किलर सुर्खियों में आया जिसने एक के बाद एक 5 सुरक्षा गार्ड की हत्या कर दी थी. इस टारगेट किलिंग से पूरे शहर में खौफ फैल गया. एक ही पैटर्न में की गई पांच हत्याओं ने 1960 के दशक में कई बेघर लोगों की हत्या करने वाले रमन राघव, साइनाइड मोहन जैसे ‘सीरियल किलर’ की याद दिला दी.
ताबड़तोड़ हत्याओं को अंजाम देने के बाद सागर का यह सीरियल किलर पुलिस को चकमा देते हुए भोपाल पहुंच गया. वहीं से उसकी गिरफ्तारी की गई. इस किलर की गिरफ्तारी से शहर के लोगों को सुकून तो मिला लेकिन जेल के अंदर रह रहे कैदियों की नींद उड़ गई. 19 वर्षीय शिव प्रसाद धुर्वे ने सागर शहर में 72 घंटे के अंतराल में सो रहे 3 गार्डों की हत्या की थी. इसके बाद 2 सितंबर को भोपाल में दो गार्डों को मौत के घाट उतारा था.
कैदियों को इस बात का खौफ सता रहा है कि जिस तरह से उसने सोते हुए गार्डों की हत्या की है कहीं उनके ऊपर भी ऐसे ही हमला न कर दे. इसी वजह से उसके साथ जेल में बंद अन्य कैदियों को डर से नींद नहीं आती है. फिलहाल शिव प्रसाद को जेल प्रशासन ने दूसरी बैरक में शिफ्ट कर दिया है.
अलग सेल में बंद है हत्यारा
TOI से बात करते हुए जेल अधीक्षक राकेस भांगरे ने बताया कि हमारी बैरक में 2000 से ज्यादा कैदी हैं, लेकिन पांच गार्डों की हत्या के आरोपी शिवप्रसाद धुर्वे को अलग सेल में रखा गया है. उन्होंने बताया कि जिस तरह से इस हत्यारे ने सोए हुए गार्ड को निशाना बनाया है उससे जेल में बंद कैदी डरे हुए हैं. उनका डरना जायज भी है. अगर वो बिना किसी मकसद के पांच गार्ड को मार सकता है तो जेल में भी किसी वारदात को अंजाम दे सकता है.
जेल अधीक्षक ने आगे कहा कि यही वजह है कि हम सीरियल किलर धुर्वे को जेल बैरक में नहीं रख सकते. फिलहाल कुछ दिनों तक उसे अलग सेल में रखा जाएगा फिर तय किया जएगा कि उसे कहीं और ट्रांसफर करना है या नहीं.
उन्होंने धुर्वे बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उसके सेल में टॉयलेट अटैच है, वहां कोई पंखा नहीं लगा है या कोई ऐसी नुकीली चीज नहीं है जिसका इस्तेमाल वह किसी को नुकसान पहुंचाने में कर सके. उन्होंने बताया कि हम उसे खाना भी जिस प्लेट में देते हैं उसे कुछ देर बाद ही वापस ले लिया जाता है.
जेल अधिकारी ने हत्यारे के बारे में बात करते हुए कहा कि फिलहाल हमें उसकी मानसिक स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हो सकता है उसे कोई मनोरोग हो. लेकिन उसे देखकर नहीं लगता कि उसे इन हत्याओं पर जरा भी पछतावा है. गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ के दौरान धुर्वे हत्या की बात कबूल कर चुका है. धुर्वे ने कहा कि वह केजीएफ-2 के 'रॉकी भाई' की से प्रभावित है और उसकी तरह ही फेमस होना चाहता था. उसका अगला निशाना पुलिसकर्मी होंगे.
रमन राघव की दिला दी याद
1 सितंबर को जब इस हत्यारे ने तीन गार्ड पर हमला कर उसकी हत्या कर दी तब रिटायर्ड सहायक पुलिस आयुक्त भारत शेलके ने कहा कि मध्य प्रदेश में सीरियल किलिंग ने रमन राघव जैसे कई हत्यारों की याद ताजा कर दी है, जिसने 1960 के दशक में देश को हिलाकर रख दिया था. उन्होंने कहा कि सीरियल किलिंग के मामले में मृतक और आरोपी की पहचान, हथियार की बरामदगी और अपराध करने का इरादा पता लगाना महत्वपूर्ण चीजें होती हैं.
उन्होंने कहा कि राघव को ‘साइको रमन’ भी कहा जाता था और उसने मुंबई की सड़कों पर रहने वाले कम से कम 41 बेघर लोगों की हत्या करने की बात स्वीकार की थी.
शिव प्रसाद धुर्वे ने कैसे दिया हत्याओं को अंजाम
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह कुशवाहा ने कहा कि सागर में पहला हमला 28-29 अगस्त की रात किया था. पहला हमला कैंट थाना क्षेत्र की एक फैक्ट्री में तैनात 50 वर्षीय सुरक्षा गार्ड पर किया था. हत्यारे का दूसरा शिकार 60 वर्षीय सुरक्षा गार्ड शंभू नारायण दुबे था. वह हमले के वक्त आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज में ड्यूटी पर था. अधिकारी ने बताया कि दोनों के सिर पर पत्थर से वार किया गया था. वहीं, तीसरी घटना मोती नगर इलाके की है. तीसरे पहरेदार पर डंडे से हमला किया और पत्थर से सिर कुचल दिया.
इन सीरियल कीलर ने उड़ाई थी सबकी होश
हमने फिल्मों में अनेक बार सीरियस किलर की कहनी देखी है, जिनमें हत्यारा एक ही पैटर्न में लोगों की हत्या करता है. रियल लाइफ में भी कई सीरियल किलर होते हैं और कई बार उन सीरियल किलर पर भी फिल्में बनती हैं. भारत में ऐसे ही कुछ सीरियल किलर्स है जिसने अपने गलत कारनामे और दरिंदगी से सबको दंग कर दिया था.
साइनाइड मोहन
इस लिस्ट में मोहन कुमार का नाम सबसे पहले लिया जाता है. साइनाइड मोहन के नाम से जाने जाने वाले इस सीरियल किलर को 20 महिलाओं की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. वह महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाता और उसे गर्भ निरोधक लेने के लिए प्रेरित करता था जो वास्तव में साइनाइड की गोलियां थीं. साल 2005 से 2009 के बीच उसने 20 महिलाओं की हत्या कर दी.
देवेंद्र शर्मा
देवेंद्र शर्मा नाम का एक सीरियल किलर कारों की चोरी करता था, उसने लगभग 40 ड्राइवरों को मार डाला. 2002 और 2004 के बीच उसने यूपी, हरियाणा और राजस्थान में कारों की चोरी और ड्राइवरों की हत्या करना शुरू किया. उस हत्यारे ने 30-40 ड्राइवरों की हत्या करना स्वीकार किया. जिसके बाद साल 2008 में उसे मौत की सजा सुनाई गई.
निठारी कांड
नोएडा का निठारी कांड शायद ही कोई भूल पाया होगा. निठारी के हत्यारे को 16 से ज्यादा बच्चों के बलात्कार, हत्या और अपहरण का दोषी पाया गया था. हत्यारे सुरिंदर कोली को 2017 में मौत की सजा सुनाई गई थी.