कई राज्यों द्वारा शिकायत की गई है कि केंद्र सरकार की वजह से उन्हें सही तरीके से वैक्सीन नहीं मिल पा रही है. राष्ट्रव्यापी कोविड वैक्सीनेशन अभियान के हिस्से के रूप में केंद्र राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है, जिन्हें लोगों को लगाया जाना है. लेकिन कई राज्यों द्वारा शिकायत की गई है कि केंद्र के कारण उन्हें सही तरीके से वैक्सीन नहीं मिल पा रही है.
केंद्र की एक प्रेस रिलीज के अनुसार, राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को वैक्सीन का आवंटन, एक्टिव कोविड मामलों की संख्या और प्रशासन के काम करने की गति पर आधारित है. इस मानदंड में वैक्सीन की बर्बादी को रोकने पर भी विचार किया जाएगा. आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल वह शीर्ष पांच राज्य थे, जिन्हें 18 मई तक सबसे अधिक वैक्सीन की खुराक मिली थी. इस दौरान महाराष्ट्र को आपूर्ति की गई कुल खुराक का 9.6 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश को 8.3 प्रतिशत, गुजरात और राजस्थान को 7.7 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल को 6.4 प्रतिशत प्राप्त हुआ. एक डेटा के आधार पर इस बात का विश्लेषण किया गया है.
इन राज्यों को अबतक मिली इतनी वैक्सीन
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार द्वारा वैक्सीन देने का पैमाना अलग अलग है. यदि क्षेत्र की जनसंख्या के आधार पर राज्यों को वैक्सीन दी जाती तो उत्तर प्रदेश को भारत की जनसंख्या के 16.9 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर होना चाहिए, इसके बाद महाराष्ट्र 9.2 प्रतिशत, बिहार 9 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल 7.3 प्रतिशत और मध्य प्रदेश 6.2 प्रतिशत पर है, जबकि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को वैक्सीन की खुराक का एक बड़ा हिस्सा मिला. बिहार को कुल वैक्सीन का 4.7 प्रतिशत हिस्सा, पश्चिम बंगाल को 6.4 प्रतिशत और मध्य प्रदेश को 5.10 प्रतिशत, उनकी आबादी की तुलना में बहुत कम हिस्सा मिला.
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