Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में छाई प्रदूषण की चादर गहरा असर डाल रही है. दिल्ली में तो प्रदूषण (Delhi Pollution) साल के सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. इसकी वजह पराली और वाहनों के इस्तेमाल में लचीलेपन को माना गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पराली जलाने की वजह से पीएम 2.5 प्रदूषण बढ़कर 26 प्रतिशत हो गया है जो इस साल का सबसे अधिक स्तर मापा गया है.


दिल्ली में रविवार, 30 अक्टूबर 2022 को वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रही और हवा की रफ्तार धीमी होने और खासतौर पर पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी होने से इसके और गंभीर होने का अनुमान व्यक्त किया गया है. इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर में परिवहन के लिए अनुकूल परिस्थितियां भी इसके उत्सर्जन की वजह बनी हैं.






कितना था आज का एक्यूआई?


दिल्ली की एयर क्वालिटी पर नजर डालें तो रविवार (30 अक्टूबर) सुबह नौ बजे दिल्ली का एक्यूआई 367 था. वहीं शनिवार को पिछले 24 घंटे का एक्यूआई 397 था. रविवार को आनंद विहार में एक्यूआई लेवल 468 था. वहीं, वजीरपुर (412), विवेक विहार (423) और जहांगीरपुरी में 407 था.


शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 के बीच को संतोषजनक, 101 से 200 को मध्यम, 201 से 300 को खराब, 301 से 400 को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को काफी गंभीर माना जाता है.


क्या कहते हैं विशेषज्ञ?


भारत मौसम विज्ञान विभाग के पर्यावरण निगरानी और अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी के सोनी ने कहा कि प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के बीच शनिवार से दिल्ली-एनसीआर में धुंध की एक परत बनी हुई है. इसके दो और दिनों तक बने रहने का अनुमान है. मंगलवार से कुछ राहत मिलने की संभावना है.


केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली पूर्वानुमान एजेंसी  सफर ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण (Delhi Air Pollution) में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी शनिवार को बढ़कर 21 फीसदी हो गई, जो इस साल अब तक सबसे ज्यादा है. सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि रविवार को यह 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है जिससे वायु गुणवत्ता (Air Quality Index) गंभीर  श्रेणी में जा सकती है.


ये भी पढ़ें: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए गोपाल राय ने बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार, बताईं तीन वजहें