नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के दौर में अपने जानकारी भरे अनेक वीडियो से लोगों को जागरूक करने के लिए मशहूर और पद्म श्री से सम्मानित जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. के के अग्रवाल का कोरोना वायरस के कारण निधन हो गया. अग्रवाल 62 साल के थे और उन्हें संक्रमित पाए जाने के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था और पिछले सप्ताह से वह वेंटिलेटर पर थे. कोविड-19 से कई दिन तक जूझने के बाद उन्होंने सोमवार रात 11:30 बजे अंतिम सांस ली.


वह कोविड टीके की दोनों खुराक ले चुके थे. हालांकि अग्रवाल के एक मित्र के मुताबिक उन्हें कुछ अन्य बीमारियां भी पहले से थीं. वह पाचन तंत्र से जुड़ी गंभीर समस्या क्रोन से ग्रस्त थे और तीन साल पहले उन्हें पल्मोनरी एंबोलिज्म यानी फेफड़े की एक आर्टरी में ब्लॉकेज की समस्या भी हुई थी.


संक्रमण के उपचार के दौरान ही अपने एक अंतिम वीडियो में अग्रवाल ने चिकित्सक बिरादरी को प्रोत्साहित करते हुए कहा था, ‘‘द शो मस्ट गो ऑन (कोशिश जारी रहनी चाहिए) पिक्चर अभी बाकी है.’’


 






अग्रवाल को भारत के चिकित्सक समुदाय के प्रमुख चेहरों में गिना जाता है. उन्होंने अपने अंतिम वीडियो में कहा, ‘‘हमें लोगों को इस संकट से निकालना होगा.’’ चिकित्सा जगत के लोगों ने अग्रवाल को ‘बहुत परिश्रमी, नवोन्मेषी और व्यवहार कुशल’ बताया.


अग्रवाल के साथ करीब 35 वर्ष तक काम करने वाले आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विनय अग्रवाल ने कहा, ‘‘वह चिकित्सा कार्यकर्ता थे, जिन्होंने हर दिन 18 घंटे काम किया और पिछले 16 महीने में तो उन्होंने वायरस के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जिस तरह काम किया, वह काबिले तारीफ है.’’


अग्रवाल ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी घातक संक्रमण के बारे में नियमित वीडियो डाले और लोगों को नि:शुल्क परामर्श दिए.


अग्रवाल जब एम्स में भर्ती थे, उस दौरान भी हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया में उनकी टीम कोविड-19 के बारे में जानकारी भरे वीडियो डालती रही.


चिकित्सकों की प्रमुख संस्था आईएमए ने अपने ट्वीट में कहा कि अग्रवाल का जाना अनपेक्षित और बहुत बड़ा नुकसान है. संगठन ने ऑनलाइन शोकसभा भी आयोजित की.


उसने ट्वीट में लिखा, ‘‘डॉ के. के. अग्रवाल जन शिक्षा और जागरूकता लाने के मामले में सच्चे आदर्श व्यक्तित्व थे. उन्होंने लाखों लोगों की जान बचाई और महामारी के दौरान उनकी सेवाएं हम सब के लिए भी मार्गदर्शक साबित हुईं. आईएमए को बड़ा नुकसान हुआ है.’’


अग्रवाल के परिवार में उनकी पत्नी डॉ वीना अग्रवाल, बेटा नीलेश और बेटी नैना हैं. उनके एक पारिवारिक मित्र के अनुसार अग्रवाल की पत्नी भी कोरोना वायरस संक्रमित थीं और उन्हें मैक्स अस्पताल, साकेत में भर्ती कराया गया था और छुट्टी मिल चुकी थी.


सभी वर्गों के लोगों ने ट्विटर पर अग्रवाल के निधन पर शोक व्यक्त किया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अग्रवाल के निधन को समूचे देश के लिए एक बड़ा नुकसान बताया.


केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘डॉ. के के अग्रवाल का निधन पूरे देश के लिए बड़ी क्षति है. उन्होंने जीवन भर गरीबों, वंचितों के स्वास्थ्य अधिकारों के लिए काम किया. वह बहुत अच्छे इंसान थे.’’


अग्रवाल ने जनवरी में शुरुआत में ही कोविड-19 के टीके की पहली खुराक ले ली थी.


अग्रवाल को 2010 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया था. वह डॉ बी सी रॉय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए थे. हाथ से सीपीआर देने की जीवनरक्षक तकनीक के बारे में अधिकतम लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए अग्रवाल का नाम ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज हुआ था.


अग्रवाल का जन्म पांच सितंबर, 1958 को दिल्ली में हुआ था. उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय के तहत एमजीआईएमएस, सेवाग्राम से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी, जहां उन्हें 1979 में सर्वश्रेष्ठ स्नातक छात्र घोषित किया गया था.