नई दिल्ली: वैसे तो पूरी दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर अफरातफरी मची हुई है, लेकिन दिल्ली के सरोज अस्पताल की बात करें तो वहां के हालात ज्यादा भयावह हो गए हैं. सरोज अस्पताल के कोविड प्रभारी ने बताया, 'हमें अभी तक बैकअप ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई है. हमारे पास 70 मरीज हैं जो गंभीर स्थिति में हैं और उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है. अगर हमें ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होती है तो बड़ी आपदा हो सकती है. हमने मरीजों को छुट्टी देनी शुरू कर दी है. हम ऑक्सीजन की कमी के कारण प्रवेश बंद कर रहे हैं और मरीजों को छुट्टी दे रहे हैं.'






उधर, दिल्ली के बत्रा अस्पताल, महाराजा अग्रसेन अस्पताल, मेट्रो अस्पताल में भी ऑक्सीजन की भयंकर कमी है. गंगाराम अस्पताल में भी यही हालात हैं. अगर ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हुई तो गंगाराम अस्पताल में भी हालात बिगड़ सकते हैं. गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर डी एस राणा ने एबीपी न्यूज़ से यह बात कही.


हाईकोर्ट ने कहा, ऑक्सीजन की सप्लाई रोकने वालों को हम लटका देंगे


इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को कहा, 'अगर केंद्र, राज्य या स्थानीय प्रशासन का कोई अधिकारी ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा डाल रहा है तो हम उस व्यक्ति को लटका देंगे.' महाराजा अग्रसेन अस्पताल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच की ओर से ये टिप्पणी आई है. 


अदालत ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आखिर कौन ऑक्सीजन की सप्लाई को बाधित कर रहा है. पीठ ने कहा, 'हम उस व्यक्ति को लटका देंगे. हम किसी को भी नहीं बख्शेंगे.' अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह स्थानीय प्रशासन के ऐसे अधिकारियों के बारे में केंद्र को भी बताए ताकि वह उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके.


दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से भी पूछा कि दिल्ली के लिए आवंटित प्रतिदिन 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उसे कब मिलेगी? अदालत ने कहा, 'आपने (केंद्र ने) हमें (21 अप्रैल को) आश्वस्त किया था कि दिल्ली में प्रतिदिन 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचेगी. हमें बताएं कि यह कब आएगी?'


इससे पहले दिल्ली सरकार ने अदालत को सूचित किया कि उसे पिछले कुछ दिनों से रोजाना सिर्फ 380 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिल रही है और शुक्रवार को उसे करीब 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली थी. इसके बाद अदालत ने केंद्र से सवाल किया.


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