Congress on Fuel Price: पेट्रोल, डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने कल रात से ईंधन की कीमतों में कटौती कर दी. इसके बाद विपक्ष सरकार पर लगातार हमले कर रहा है. ताजा मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने ईंधन की कीमतों में कटौती को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार के इस फैसले पर आगे कुंआ तो पीछे खाई जैसी कहावत सही बैठती है. उन्होंने अपनी बात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर रखते हुए कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की अधिसूचना अब उपलब्ध है. चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री ने एक्साइज ड्यूटी जैसे शब्द का इस्तेमाल किया है लेकिन ये कटौती अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में की गई है जिसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है.


यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी.चिदंबरम ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर शुल्क के हिस्से के रूप में राज्य सरकारों को बहुत कम रेवेन्यू मिल रहा है. राज्यों का राजस्व पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट से है. चिदंबरम ने ये बात उस संदर्भ में कही है जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों से आग्रह किया था कि जनता के ऊपर से भार कम करने के लिए सभी राज्य टैक्स कम करके जनता को राहत देने का काम करें. 






चिदंबरम ने कहा कि असली कटौती तब होगी जब केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उपकर को कम करेगा जो राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है. चिदंबरम ने कहा कि क्या केंद्र उस राजस्व को छोड़ने का जोखिम उठा सकता है. उन्होंने कल भी ट्वीट करके कहा था कि जब केंद्र सरकार उत्पादक शुल्क में एक रुपये की की कटौती करती है तो उस रुपये में 41 पैसे का हिस्सा राज्यों का होता है. कहने का मतलब ये है कि 1 रुपये में 59 पैसे केंद्र ने अपनी जेब से भरे जबकि 41 पैसे राज्यों से भरवाए. चिदंबरम ने कल ये भी कहा था कि 2 महीने में केंद्र 10 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बढ़ोत्तरी करती है औऱ फिर 9.50 रुपये के हिसाब से कटौती कर देती है. ये तो एक तरह से लूटने के बराबर ही हुआ.


ये भी पढ़ें: P Chidambaram: पूर्व वित्त मंत्री ने महंगाई को लेकर सरकार पर कसा तंज, बोले- आज खाना पकाने से पहले दो बार सोचती हैं गृहणियां


ये भी पढ़ें: VISA Scam Case: वीज़ा भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम पहुंचे कोर्ट, दायर की अग्रिम जमानत याचिका