मालविका अय्यर ने बीकानेर में हुए बम ब्लास्ट में अपने दोनों हाथ खो दिये थे. तब वह 13 साल की थीं. वह अब एक अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर और दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता हैं. वह साथ ही दिव्यांगों के प्रोडक्ट्स के लिए फैशन मॉडल भी हैं. मद्रास स्कूल ऑफ सोशल वर्क से उन्होंने पीएचडी भी की है. उन्होंने उनके बेहतरीन कार्यों के लिए कई अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड भी मिल चुके हैं.
उन्होंने बताया कि शिक्षा की वजह से ही वह जिंदगी में वापसी कर पाईं. उसके बाद मैंने कभी वापस मुड़कर नहीं देखा और दया की नजर से नहीं देखा. मुझे एक बार तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से भी मिलने का मौका मिला. वह भी मेरे प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य है कि मैं सभी दिव्यांगों के लिए समाज को बेहतर बना सकूं और उन्हें बराबरी के मौके दिला सकूं. उन्होंने प्रधानमंत्री के अभियान #SheInspiresus की भी तारीफ की और कहा कि इससे महिलाओं की आवाज़ को बल मिलेगा.
इससे पहले पीएम मोदी के ट्विटर को स्नेहा मोहनदास ने चलाया. आपको बतादें कि स्नेहा फूड बैंक संस्था की फाउंडर हैं. स्नेहा का कहना है कि फूडबैंक का उद्देश्य भूख के खिलाफ लड़ना है और देश को भूख से मुक्त करना है. गौरतलब है कि आज 7 महिलाएं प्रधानमंत्री के सोशल मीडिया अकाउंट को संभालेंगी और अपनी बात रखेंगी. आपको बता दें कि पीएम के अकाउंट से सबसे पहले ट्वीट करने वाली स्नेहा के फाॅलोअर्स लगातार बढ़ रहे हैं।