नई दिल्ली: एक गुमनाम चिट्ठी, जिसे लिखने वाले का आजतक सही अता-पता नहीं चला लेकिन उसी चिट्ठी ने आज राम रहीम को इस हालत में पहुंचा दिया कि वे जेल की सलाखों के पीछे है और 28 तारीख यानी आने वाले सोमवार को सज़ा तय होने के बाद लंबे समय तक इन्हीं सलाखों के पीछे रहने वाला है.


चिट्ठी में राम रहीम पर आरोप लगाने वाली लड़की आज तक बस कल्पना का ही हिस्सा है. लड़की ने अपनी दर्दनाक दास्तां इसी चिट्ठी के सहारे बयां की थी. कैसे एक चिट्ठी ने दो राज्यों के पुलिस प्रशासन को हिला देने वाले राम रहीम को जेल पहुंचा दिया. आखिर ऐसा क्या था उस चिट्ठी में?


यहां से आगे पढ़ें कि चिट्ठी में क्या लिखा था- मैं पंजाब की रहने वाली हूं और अब पांच साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा में साधु लड़की के रूप में कार्य कर रही हूं. सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में 16 से 18 घंटे सेवा करती हैं. हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है.


13 मई 2002 को ये खत उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मिला था. उसी समय ये खत हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पास पहुंचा था. पत्र के अगले मजमून ने हर किसी को हिलाकर रख दिया.


चिट्ठी में लिखी आगे की बात- साधु बनने के दो साल बाद एक दिन महाराज ने गुफा में बुलाया. मैं बहुत खुश थी. यह जानकर कि आज खुद परमात्मा ने मुझे बुलाया है. गुफा में ऊपर जाकर जब मैंने देखा महाराज बेड पर बैठे थे. हाथ में रिमोट था, सामने टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही थी. बेड पर सिरहाने रिवॉल्वर रखा हुआ है.


बेड पर बाबा राम रहीम! सामने टीवी पर ब्लू फिल्म और सिरहाने में रिवॉल्वर! एक गुमनाम लड़की के ऐसे आरोप ने सनसनी मचा दी। सवाल उठा कि जो राम रहीम पांच करोड़ लोगों के लिए देवता तुल्य हैं, वे इस रूप में कैसे नजर आ सकते हैं? लेकिन पत्र के अगले हिस्से में उस गुमनाम लड़की ने बाबा राम रहीम पर एक और संगीन आरोप जड़ दिया।


चिट्ठी के आगे का हिस्सा जारी- महाराज ने टीवी बंद किया व मुझे साथ बिठाकर पानी पिलाया और कहा कि मैंने तुम्हें अपनी खास प्यारी समझकर बुलाया है. मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि कोई शक नहीं, हम ही खुदा हैं. जब मैंने पूछा कि क्या यह खुदा का काम है, तो उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण भगवान थे, उनके यहां 360 गोपियां थीं. जिनसे वह हर रोज़ प्रेम लीला करते थे. फिर भी लोग उन्हें परमात्मा मानते हैं.


गुमनाम लड़की के मुताबिक उसने बाबा के इस रूप और उनकी ऐसी दलील को खारिज कर दिया. तब बाबा का एक और रूप सामने आया. साथ ही जिक्र उठा उस रिवॉल्वर का जो बाबा के सिरहाने पर रखा हुआ था.


चिट्ठी के आगे का हिस्सा जारी- हम चाहें तो इस रिवॉल्वर से तुम्हारे प्राण पखेरू उड़ाकर दाह संस्कार कर सकते हैं. हमारी सरकार में बहुत चलती है. हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री हमारे चरण छूते हैं. हम तुम्हारे परिवार से नौकरी लगे सदस्यों को बर्खास्त करवा देंगे. सभी सदस्यों को मरवा देंगे और सबूत भी नहीं छोड़ेंगे


उस गुमनाम लड़की के मुताबिक ये पूरी बातचीत उस गुफा में हो रही थी जहां बाबा एकांतवास करते हैं. यहां आपको बता दें कि दावा किया जाता है कि राम रहीम के आश्रम में एक गुफा है, हालांकि आश्रम मैनेजमेंट इस तरह के किसी गुफा के बारे में साफ इन्कार करता रहा है. दूसरी तरफ उस गुमनाम लड़की ने आरोप लगाया है कि उसी काली गुफा में पहली बार उसके साथ रेप किया गया.


एक बेजान खत पर उकेरे गये एक अनजान लड़की के इस दर्दभरे संवाद पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों की नजर पड़ चुकी थी. चिट्ठी के अगले हिस्से में जो कुछ लिखा गया था, वो तो किसी को हिलाकर रख देने के लिए काफी है.


चिट्ठी के आगे का हिस्सा जारी- हमें सफेद कपड़े पहनना, सिर पर चुन्नी रखना, किसी आदमी की तरफ आंख ना उठाकर देखना, आदमी से पांच-दस फुट की दूरी पर रहना महाराज का आदेश है. हम दिखाने में देवी हैं, मगर हमारी हालत वेश्या जैसी है.


इस गुमनाम लड़की ने अपने साथ साथ डेरा के आश्रम में रहनेवाली तमाम लड़कियों की हालत को बयां करने की कोशिश की थी. उसका तो ये भी दावा है कि जिस तरह से उसका यौन शोषण हो रहा था, उसी तरह से आश्रम की दूसरी लड़कियों का भी यौन सोषण हो रहा था.


चिट्ठी के आगे का हिस्सा जारी- अगर मैं इसमें अपना नाम लिखूंगी, इन सब लड़कियों के साथ-साथ मुझे भी मेरे परिवार के साथ मार दिया जाएगा. अतः आप से अनुरोध है कि हमारा डॉक्टरी मुआयना किया जाए ताकि हमारे अभिभावकों को व आपको पता चल जाएगा कि हम कुमारी देवी साधू हैं या नहीं. अगर नहीं तो किसके द्वारा बर्बाद हुई हैं.


चिट्ठी के सामने आने के बाद राम रहीम के आश्रम में हुई हत्या


13 मई 2002 को इसी आखिरी लाइन के साथ एक गुमनाम लड़की का खत खत्म हुआ था और शुरू हो गया विवाद का एक नया दौर. दरअसल 10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे रणजीत सिंह की हत्या हो गई. उस समय खबर आयी कि रणजीत ने अपनी ही बहन से वह पत्र प्रधानमंत्री को लिखवाया था. रणजीत की बहन डेरे में साध्वी थी और उसने (पत्र लिखे जाने से पहले) डेरा छोड़ दिया था.


हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि खत लिखनेवाली वो गुमनाम लड़की क्या वाकई मृतक रणजीत की बहन थी? रणजीत सिंह की हत्या और उस गुमनाम चिट्ठी की दास्तां पर अब हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट ने कार्रवाई करने का फैसला किया और 24 सितंबर 2002 को पूरे मामले की सत्यता जांचने का जिम्मा सीबीआई को सौंपा.


चिट्ठी के आधार पर पहली बार किसी पर लगाई गई इतनी संगीन धाराएं


अगले पांच साल तक सीबीआई चिट्ठी के मजमून और उस गुमनाम लड़की के आरोपों की जांच पड़ताल करती रही और तब जुलाई 2007 में उसने बाबा राम रहीम के खिलाफ चार्जशीट दायर की. 6 सितंबर 2008 को सीबीआई ने बाबा राम रहीम के खिलाफ बलात्कार की धारा 376 और किसी को जान से मारने की धमकी देने की धारा 506 के तहत मामला दर्ज किया. बाद में बाबा राम रहीम पर किसी महिला की अस्मत से खिलवाड़ या नुकसान पहुंचाने की कोशिश पर लगनेवाला धारा 509 भी दर्ज की गई.


खास बात है कि अपराध के इतिहास में ये पहला ऐसा मामला है जिसमें एक गुमनाम पत्र के आधार पर किसी के खिलाफ इतनी संगीन धारा लगाई गई. बाबा के तमाम भक्तगण भी कुछ इसी तरह के दावे के साथ उस गुमनाम चिट्ठी में लगाये गये आरोपों को खारिज करते हैं लेकिन सीबीआई ने उस बेजान चिट्ठी में ऐसे जिंदा सबूत ढूंढ निकाले कि आज पांच करोड़ लोगों के देवता तुल्य बाबा राम रहीम अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर में पहुंच गये हैं.


यहां देखें वीडियो-