नई दिल्लीः भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं की क्वाड गठबंधन ढांचे के तहत पहला शिखर सम्मेलन ऑनलाइन प्रारूप में 12 मार्च को आयोजित होगा. यह सम्मेलन ऐसे समय में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने की दिशा में एक प्रमुख कदम होगा जब चीन इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए प्रयासरत है.
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि नेता साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे और एक मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने की दिशा में सहयोग के व्यावहारिक क्षेत्रों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.
पीएम मोदी होंगे शिखर सम्मेलन में शामिल
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ हिस्सा लेंगे. क्वाड रूपरेखा के तहत नेताओं का पहला शिखर सम्मेलन 12 मार्च को डिजिटल तरीके से आयोजित होगा.’’
शिखर सम्मेलन समकालीन चुनौतियों जैसे लचीली आपूर्ति श्रृंखला, उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, समुद्री सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन पर विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करेगा. उसने कहा, ‘‘नेता कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों पर चर्चा करेंगे और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित, समान वितरण और किफायती टीका सुनिश्चित करने में सहयोग के अवसरों का पता लगाएंगे.’’
चीन पर लगाई जाएगी लगाम
क्वाड के चार सदस्य देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने का संकल्प जताया है. क्वाड के विदेश मंत्रियों ने गत 18 फरवरी को एक डिजिटल बैठक की थी जिसमें उन्होंने एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाये रखने की प्रतिबद्धता जतायी थी.
चीन द्वारा सैन्य शक्ति का प्रदर्शन बढ़ाने के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति प्रमुख वैश्विक शक्तियों के बीच एक प्रमुख मुद्दा बन गई है. चीन पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका क्वाड को एक सुरक्षा ढांचा बनाने का पक्षधर रहा है. क्वाड सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने 6 अक्टूबर, 2020 को तोक्यो में मुलाकात की थी और एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत के लिए अपनी सामूहिक दृष्टि दोहरायी थी.
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