The Supreme Court Collegium Meeting: मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की मंगलवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में सात न्यायिक अधिकारियों और दो अधिवक्ताओं के प्रमोशन की सिफारिश की.


कॉलेजियम ने अपनी बैठक में न्यायिक अधिकारियों- रामचंद्र दत्तात्रेय हड्डर और वेंकटेश नाइक थावरनाइक को कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.


कर्नाटक हाई कोर्ट के लिए इनका नाम


बैठक के संबंध में आए प्रस्ताव में कहा गया है, "सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 10 जनवरी, 2023 को हुई अपनी बैठक में पुनर्विचार पर अधिवक्ता नागेंद्र रामचंद्र नाइक को कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की अपनी पहले की सिफारिश को दोहराने का संकल्प लिया." वहीं, एक अन्य फैसले में कॉलेजियम ने अधिवक्ता नीला केदार गोखले को बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.


गुवाहाटी हाई कोर्ट के लिए  मृदुल कुमार कलिता 


कॉलेजियम ने न्यायिक अधिकारी मृदुल कुमार कलिता को गुवाहाटी उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की भी सिफारिश की. आंध्र प्रदेश के संबंध में कॉलेजियम ने वहां के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में न्यायिक अधिकारियों पी. वेंकट ज्योतिर्मय और वी गोपालकृष्ण राव की पदोन्नति को हरी झंडी दे दी. इसके अलावा इस बैठक में कॉलेजियम ने मणिपुर उच्च न्यायालय में न्यायिक अधिकारियों अरिबम गुनेश्वर शर्मा और गोलमेई गैफुलशिलु काबुई को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी.


क्या है कॉलेजियम सिस्टम?


कॉलेजियम एक सिस्टम है जिसके तहत हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्तियां और ट्रांसफर किए जाते हैं. कॉलेजेयिम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया समेत सुप्रीम कोर्ट के कुल पांच सीनयर जज शामिल होते हैं. इसी तरह हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति की सिफारिश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और दो सीनियर जजों का कॉलेजियम करता है. अब अगर आप सोच रहे हैं कि ये सिस्टम संसद में बने किसी कानून या फिर संविधान के मुताबिक बना है तो आप गलत हैं. कॉलेजियम सिस्टम को सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों से बनाया गया है. 


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