नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा समय में सरकार और कारोबार जगत के बीच विश्वास खत्म हो गया है. उन्होंने यह भी कहा कि कारोबारियों को यह कभी महसूस नहीं होना चाहिए कि एजेंसियां या अधिकारी उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं.


एक समारोह में सिंह ने 1991 में उदारीकरण की शुरुआत का उल्लेख करते हुए कहा, ''समाज तभी प्रगति करता है जब रचनात्मकता को मौका मिलता है कि वह यथास्थिति को चुनौती दे सके. 1991 में हमारे देश ने एक कठिन विकल्प का सामना किया और हमें सोच को बदलना पड़ा कि हम कैसे अपने करोड़ों लोगों की जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं.''


सिंह ने कहा, ''कारोबारियों, कारोबारी समुदाय के बारे में कई नकारात्मक धारणाएं बनाई गई हैं. इन्हें एजेंसियों के खौफ का अनुभव कराया गया है. एक शत्रुतापूर्ण विमर्श तैयार किया गया है जिससे न सिर्फ हमारे अपने कारोबारियों का भरोसा खत्म होगा बल्कि दूसरे देशों की सरकारों और कारोबारियों के दिमाग में भी संदेह पैदा होगा.''


पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ''ईमानदार कारोबारियों और असल उद्यमियों को कभी भी यह महसूस नहीं होने देना चाहिए कि राजस्व अधिकारी उन्हें परेशान कर रहे हैं. दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार और कारोबार जगत के बीच विश्वास खत्म हो गया है.'' पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलाव होते रहना चाहिए और उन्हें खुशी है कि भारत के युवा उद्यमियों ने बदलाव के मंत्र को स्वीकार किया है.


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