बेंगलुरू: वामपंथी कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या के मामले की जांच कर रही एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की इस मामले की जांच अंतिम चरण में है और दो महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल की जाएगी. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) बी.के. सिंह के नेतृत्व में एसआईटी ने लंकेश की हत्या के सिलसिले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया था.


गौरी लंकेश की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों का नाम कथित तौर पर सनातन संस्था और उससे जुड़ी हिंदू जनजागृति समिति से जोड़ा जाता है.इस हत्या कांड की जांच कर रहे जांच अधिकारी एम.एन अनुचेथ ने कहा, ‘‘मामला जांच के अंतिम चरण में है. हम दो महीने में मामले में चार्जशीट दाखिल करेंगे.’’


हिंदुत्व की कट्टर विरोधी थीं गौरी लंकेश


गौरी लंकेश की 5 सितंबर, 2017 की रात करीब आठ बजे यहां उनके घर के बाहर करीब से गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. गौरी लंकेश अपने कट्टर हिंदुत्व विरोधी रुख के लिए जानी जाती थी. गौरी लंकेश कन्‍नड़ साप्‍ताहिक अखबार 'लंकेश पत्रिका' की संपादक भी थी.


गौरी लंकेश की हत्या की जांच में एसआईटी को शुरुआती सफलता तब मिली थी जब गुजरात की एक फोरेंसिक प्रयोगशाला ने इस बात की पुष्टि की थी कि परशुराम वाघमरे ने लंकेश को गोली मारी थी. उसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा गठित एसआईटी ने संदिग्ध मास्टरमाइंड अमोल काले और शूटर परशुराम वाघमारे समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था.


सनातन संस्था ने दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए लोग उसके सदस्य नहीं हैं.