नई दिल्ली: कोरोना के शुरुआती दौर में सरकारी दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाए डिसइंफेक्शन टनल को अब केंद्र ने नुकसानदेह बताया है. एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में सरकार ने यह माना है कि इस तरह के टनल में होने वाला छिड़काव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है. सरकार ने इसका इस्तेमाल बंद करने की भी बात कही है.
कानून के छात्र ने दाखिल की थी याचिका
कानून के छात्र गुरसिमरन सिंह नरूला ने इस मसले पर याचिका दाखिल की थी. याचिका में यह कहा गया था कि इस तरह के टनल से होकर गुजरने से बीमारी से बचाव नहीं होता. उल्टे लोगों पर केमिकल के स्प्रे के कई नकारात्मक परिणाम होते हैं. याचिकाकर्ता ने इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) समेत दूसरी सनस्तगों की रिपोर्ट का भी हवाला दिया था. 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मसले पर सरकार से जवाब मांगा था.
डिसइंफेक्शन टनल का इस्तेमाल लगभग बंद- सरकार
आज सरकार की तरफ से बताया गया कि डिसइंफेक्शन टनल का इस्तेमाल पहले ही लगभग बंद कर दिया गया है. विशेषज्ञों ने माना है कि इसमें से होकर गुजरने वाले के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने का अंदेशा होता है.
इस पर जजों ने यह सवाल किया कि अगर ऐसा है तो अभी तक इसे पूरी तरह बंद क्यों नहीं किया गया है? सरकार ने जवाब दिया कि कल तक इसका इस्तेमाल बंद करने के लिए सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिया जाएगा.