Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार से राजधानी की जेलों में शिक्षकों (Teachers), सलाहकारों (Consultants) के साथ-साथ चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ के खाली पदों को छह महीने के भीतर भरने का आदेश दिया है. बता दें कि वकील अमित साहनी की दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की जेलों में 20 से 25 फीसदी कर्मचारियों की कमी है. याचिका में कहा गया है कि जेलों में कर्मचारियों की कमी दिल्ली सरकार (DelhiGovernment) और जेल महानिदेशक (DG Jail) को पक्षकार बनाता है.


वकील की तरफ से दायर याचिका में दावा किया गया है कि राजधानी की जेलों में कर्मचारियों की कमी के कारण अव्यस्था देखने को मिलती है. जेल में कर्मचारियों के रिक्त पदों से भरे जाने से व्यवस्था बेहतर होगी. इस मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने NCT दिल्ली सरकार और डायरेक्टर जनरल को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में जेल में रिक्तियों को भरने के मामले पर रिपोर्ट मांगी गई है.


पदों को भरने के लिए भी कदम उठाए गए


अदालत ने जनहित याचिका सुनवाई के दौरान कहा कि अधिकारियों ने इस बाबत प्रक्रिया शुरू कर दी है और निश्चित रूप से छह महीने के भीतर इसे पूरा कर लिया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा दायर एक स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा विभाग द्वारा 48 शिक्षकों और 23 तकनीकी शिक्षकों को कैदियों को प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है, जबकि सलाहकारों के 40 पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं. अदालत ने कहा कि चिकित्साकर्मियों के पदों को भरने के लिए भी कदम उठाए गए हैं.


 खाली पदों को छह माह के भीतर भरा जाए


मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि शिक्षकों और सलाहकारों की आज से छह महीने की अवधि के भीतर नियुक्तियां की जाए. 


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