रोहतक: अपनी दो ‘भोली-भाली और अंध भक्तों’ से बलात्कार के जुर्म में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 20 साल की सजा सीबीआई की विशेष अदालत ने बीस साल की सजा सुनाई. सजा सुनाने के दौरान कोई नरमी बरतने से इनकार करते हुए सीबीआई की विशेष अदालत के जज जगदीप सिंह ने कहा कि पीड़ित लड़कियों ने डेरा प्रमुख को भगवान माना, लेकिन उसने गंभीर धोखा किया.

अदालत ने दोनों महिलाओं से बलात्कार करने के जुर्म में गुरमीत को 10-10 साल जेल की सजा सुनाई और साफ कर दिया कि दोनों सजा बारी-बारी से चलेगी, यानी डेरा प्रमुख को कुल 20 साल जेल में बिताने होंगे.

सीबीआई अदालत के जज ने कहा कि एक ऐसे व्यक्ति को नरमी पाने का कोई हक नहीं है जिसे न तो इंसानियत की चिंता है और न ही उसके स्वभाव में दया-करूणा का कोई भाव है. उन्होंने कहा कि किसी धार्मिक संगठन की अगुवाई कर रहे व्यक्ति की ओर से किए गए ऐसे आपराधिक कृत्य से देश में सदियों से मौजूद पवित्र आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संस्थाओं की छवि धूमिल होना तय है.

अदालत ने बलात्कार के दोनों मामलों में डेरा प्रमुख पर 15-15 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया और कहा कि दोनों पीड़ित लड़कियों को मुआवजे के तौर पर 14-14 लाख रुपए मिलेंगे.