Gauri Lankesh Murder Case: पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को लेकर अब बड़ी जानकारी सामने आई है. पुलिस ने अपनी जांच में हिंदू जनजागृति समिति के सदस्य अमोल काले को इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड बताया है. पुलिस के अनुसार, गौरी की हत्या उनके एक भाषण को लेकर की गई. इस भाषण में गौरी हिंदू धर्म पर सवाल उठा रही थीं. 


पुलिस के अनुसार, अमोल काले ने इस वीडियो का इस्तेमाल अपने सह-साजिशकर्ताओं को लामबंद करने के लिए किया. इसमें गौरी को गोली मारने वाला परशुराम वाघमोर भी शामिल था. पुलिस की चार्जशीट के हवाले से द न्यूज मिनट वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, "हिंदू कट्टरपंथी समूह हिंदू जनजागृति समिति के सदस्य अमोल काले ने 2016 में गौरी लंकेश का एक वीडियो अपने समूह के अन्य सदस्यों को भेजा था."


एक भाषण के कारण हुई थी हत्या


इस वीडियो में गौरी एक हमले को लेकर एक कट्टरपंथी समूह हिंदू जागरण वैदिक पर सवाल उठाती दिख रही हैं. जिस पर हिंदू जागरण वैदिक का दावा है कि उसने हिंदू संस्कृति और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए ऐसा किया है. गौरी ने फिर से सवाल किया, "मैं पूछती हूं कि आपका हिंदू धर्म क्या है? हिंदू धर्म को किसने बढ़ावा दिया?" वीडियो में गौरी ने हिंदू धर्म को लेकर कहा, "यह पिता या माता के बिना एक धर्म है. इसमें कोई अच्छा शास्त्र नहीं है. जब अंग्रेज यहां आए और जब तक उन्होंने इसका नामकरण नहीं किया, तब तक इसका कोई नाम नहीं था. क्या यह भी कोई धर्म है?"


गौरी ने हिंदू धर्म पर टिप्पणी की थी


रिपोर्ट के मुताबिक, गौरी लंकेश ने यह भाषण अगस्त 2012 में दिया था. इस भाषण के 5 साल बाद गौरी की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस के अनुसार इस भाषण के कारण ही पत्रकार की हत्या की गई थी. यह उसे मारने की साजिश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था. हत्यारों और उनके षड्यंत्रकारियों ने खुद को आश्वस्त किया था कि यह भाषण ही वह कारण था जो वे गौरी को मारना चाहते थे.


पुलिस में चार्जशीट में वीडियो का जिक्र


द न्यूज मिनट के मुताबिक, अमोल ने यह वीडियो क्लिप उस गुप्त समूह को दिखाई, जिसे उसने गौरी की हत्या के एक साल से भी अधिक समय पहले 'हिंदू धर्म बचाने' के लिए बनाया था. उसने समूह के लोगों से कहा था कि गौरी को हिंदू विरोधी विचारों के लिए मार दिया जाना चाहिए. अमोल ने पुलिस के सामने इस बात को कबूल किया है. पुलिस चार्जशीट के मुताबिक, अमोल ने कहा था कि अगर उसे इस तरह की बात करने की इजाजत दी जाती है, तो वह समाज में हिंदू धर्म के बारे में गलत राय बनाने का कारण बनेगी.


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