विदेशी म्युजिकल ग्रुप 'द विएना बॉयज क्वायर' ने जीता दिल्ली का दिल, दी मनमोहक प्रस्तुति
दिल्ली के कमानी ऑडिटॉरियम में एक बेहद अद्भुत नज़ारा देखने को मिला. क़रीब 500 साल पुराने ‘विएना बॉयज़’ नाम के क्वायर ग्रुप ने एक अनोखे अन्दाज़ में अपना कार्यक्रम पेश किया.

नई दिल्ली: आज दिल्ली के कमानी ऑडिटॉरियम में एक बेहद अद्भुत नज़ारा देखने को मिला. क़रीब 500 साल पुराने ‘विएना बॉयज़’ नाम के क्वायर ग्रुप ने एक अनोखे अन्दाज़ में अपना कार्यक्रम पेश किया. 20 बच्चों के इस ग्रुप जिनकी उम्र 9 से 14 साल है, उसने आज दिल्ली में सबका दिल जीत लिया.
दुनिया भर में मशहूर यह ग्रुप क़रीब 15 साल बाद भारत आया है और आते ही दिल्ली में अपने रंग बिखेर दिये. दिल्ली ने जिस तरह बरसों से कला को प्रोत्साहन दिया है और यह शहर हमेशा नयी-नयी प्रतिभाओं का कद्रदान रहा है. उसी तरह आज कमानी ऑडिटॉरियम में कला से प्रेरित दर्शकों ने भरपूर लुत्फ़ उठाया.
दिल्ली के लिए इस ग्रुप ने लोकप्रिय गायक बिली-जो और माइकल जैक्सन के गीत गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. बच्चों की आवाज़ में ‘वी आर द वर्ल्ड, वी आर द चिल्ड्रेन’ सुनकर दिल्ली वालों ने माइकल जैक्सन को याद किया.
संजय राउत का पलटवार, कहा- फडणवीस ने खुद 50-50 फॉर्मूले की बात कही थी
‘विएना बॉयज़’ क्वायर ग्रुप ने ख़ुद को आमिर खुसरो की क़व्वाली के रंग में घोल दिया और महात्मा गांधी की याद में भजन गाकर सबकी आँखें नम कर दीं.
‘विएना बॉयज़ क्वायर’ ऑस्ट्रीया के शहर विएना में बेस्ड है जो एक नॉन प्राफिट ऑरगेनाइजेशन है. इस संस्था में 100 बच्चे एक साथ होतें हैं जिनमें चार अलग-अलग ग्रुप्स बनाये जाते हैं, ब्रक्नर, हायडन, मोट्सॉर्ट और शूबर्ट. ये सब मिलकर एक साल में लगभग 300 कान्सर्ट्स करते हैं जिसमें 4,00,000 से ज़्यादा दर्शक इनके अद्भुत संगीत का लुत्फ़ उठाते हैं.
फेसबुक बताएगा कब कराना है हेल्थ चेकअप, नए फीचर को भारत में जल्द किया जाएगा लॉन्च
‘गुड मॉर्निंग’, और ‘मेरी क्रिसमस’ इनके कुछ बहुत लोकप्रिय गीत हैं. 30 जून 1498 में वीयनीज़ कोर्ट से इसकी शुरुआत हुई थी. इस ग्रुप की ज़िंदगी पर डिज़्नी ने 1961 में ‘ओल्मोस्ट एंजल्ज़’ नाम की फ़िल्म बनाई थी.
दिल्ली के रहने वाले रिशन इस ग्रुप के इकलौते भारतीय हैं. हाल ही में वो इस ग्रुप से कोर्स कर भारत लौटे है. रिशन भी अपने माता पिता के साथ इस कार्यक्रम में मौजूद थे और स्टेज पर भजन उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर गया.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

