नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस के चलते देश में दवाइयों जैसी ज़रूरी चीजों के दाम बढ़ने की ख़बरों को ग़लत बताया है. सीतारमण ने कहा कि फ़िलहाल चीन में फैली इस बीमारी से कच्चे सामानों की आपूर्ति में कोई बड़ी बाधा नहीं आई है. हालांकि उन्होंने ये ज़रूर माना कि अगर चीन में हालात ऐसे ही बने रहे तो मुश्किल बढ़ सकती है.
निर्मला सीतारमण ने इस जानलेवा बीमारी का भारतीय उद्योग जगत और अर्थव्यवस्था पर सम्भावित असर की चर्चा करने के लिए आज एक बैठक बुलाई थी. बैठक में विनिर्माण , फार्मा , केमिकल्स , सोलर एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा छोटे और मध्यम उद्योग के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में वायरस के चलते आगे की चुनौतियों पर भी चर्चा की गई. बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि सभी प्रतिनिधियों ने कोरोना के चलते पैदा हो रही मुश्किलों के बारे में बताया.
सीतारमण ने बताया कि लगभग सभी प्रतिनिधियों ने सरकार से कहा कि जो कच्चा माल चीन से बन्दरगाह पर आ रहा है उन सामानों के कागज़ात पूरे नहीं हैं जिसके चलते उन्हें वहां से उठाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार से गुजारिश की गई कि कस्टम विभाग से नियमों में ढ़ील देने को कहा जाए ताकि सामान वहां से उठवाया जा सके. कई प्रतिनिधियों ने यहां तक कहा कि चीन में हालात सामान्य होते ही फिर कच्चे मालों की आपूर्ति अचानक इतनी बढ़ जाएगी कि बंदरगाहों पर उन्हें सम्भालना मुश्किल हो जाएगा और इसलिए सरकार को इसके उपाय पहले ही खोज लेने चाहिए .
सरकार कर सकती है कुछ कदमों का एलान
कोरोना संकट का उद्योग जगत पर असर कम करने के लिए सरकार जल्द कुछ कदमों का एलान करेगी . वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात का संकेत देते हुए कहा कि फ़िलहाल इस जानलेवा वायरस का असर अर्थव्यवस्था पर नहीं हुआ है . इन कदमों में बैंकों के ऋण में रियायत और कुुछ वस्तुओं के निर्यात में छूट जैसे कदम शामिल हैं.
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