नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कुछ समय से दिक्कत चल रही है लेकिन वह जानना चाहते हैं कि रविवार को वास्तव में वहां हुआ क्या था.


पुरी ने ट्वीट किया,‘‘किसी भी प्रकार की हिंसा की कड़ी शब्दों में निंदा की जानी चाहिए. लेकिन मैं जानना चाहूंगा कि जेएनयू में वास्तव में हुआ क्या था, क्योंकि कुछ समय से परिसर में दिक्कत चल रही है.’’


उन्होंने कहा,‘‘जांच की जा रही है और ये लोग कौन थे, इसकी पहचान के लिए हमारे पास पर्याप्त फुटेज हैं.’’


जेएनयू कैंपस के बाहर सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती


जेएनयू कैंपस के बाहर सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है. यूनिवर्सिटी के अधिकारी केवल वैध पहचान पत्र वाले छात्रों को ही परिसर के अंदर जाने की अनुमति दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक छात्रावासों, प्रशासनिक खंड और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है. सूत्रों ने बताया कि मीडिया सहित किसी भी बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है.


जेएनयू मामले पर दिल्ली पुलिस का क्या कहना है?
जेएनयू मामले पर आज दिल्ली पुलिस ने कहा कि क्राइम ब्रांच को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और उस पर काम हो रहा है. दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि ये केस अब क्राइम ब्रांच के पास है. दिल्ली पुलिस ज्वाइंट सीपी वेसर्टन रेंज शालिनी सिंह फैक्ट फाइंट कमेटी की हेड हैं. कोड वर्ड और जो वीडियो क्लिप मिले हैं उनपर जांच चल रही है.


वीडियो में हाथ में लोहे की छड़ें लिए नज़र आ रहे हैं बदमाश


प्रत्यदर्शियों ने आरोप लगाया है कि हमलावर जेएनयू परिसर में तब घुसे जब जेएनयू शिक्षक संघ परिसर में हिंसा और छात्रों और प्रोफेसरों पर हमलों के मुद्दे पर बैठक कर रहे थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वे तीन छात्रवासों में भी घुसे. कुछ वीडियो फुटेज में बदमाशों का एक समूह हाथ में हॉकी और लोहे की छड़ें लिए एक इमारत के पास नजर आ रहा है.


कैंपस के अंदर तीन दिनों से चल रही थी टेंशन


बताया जा रहा है कि कैंपस के अंदर तीन दिनों से टेंशन चल रही थी, रविवार को छात्रों के दो गुट आपस में भी भिड़ गए थे. जिस समय ये मारपीट हो रही थी उस समय छात्रों के साथ साथ टीचर भी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि सारा विवाद फीस बढ़ोतरी को लेकर है. कहा जा रहा है कि छात्रों का एक गुट फीस बढोतरी का विरोध कर रहा था तो दूसरा गुट चाह रहा था कि छात्रों का रजिस्ट्रेशन शुरू किया जाए. इसी को लेकर दोनों के बीच भिड़ंत हो गई जो बाद में हिंसा में बदल गई.


जेएनयू में जारी तनाव के बीच सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन की तारीख आगे बढ़ी


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