पिछले 22 महीने में ट्रेन हादसे में नहीं गयी किसी यात्री की जान, सबसे ज्यादा ध्यान सुरक्षा पर: रेल मंत्री
रेल मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि रेल हादसे में आखिरी बार किसी की जान 22 मार्च 2019 को गई थी. इसके बाद करीब पिछले छह महीने में किसी भी हादसे में एक भी यात्री की जान नहीं गयी है.
नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में जानकारी दी कि पिछले 22 महीने में देश में रेल हादसे में एक भी जान नहीं गई है. इसके साथ ही इन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि भारतीय रेल के 34,665 पुलों की आयु 100 साल से भी ज्यादा हो चुकी है.
रेल मंत्री ने बताया, ''बीते छह सालों में हमने रेल की सुरक्षा पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दिया है. रेल हादसे में आखिरी बार किसी की जान 22 मार्च 2019 को गई थी. इसके बाद करीब पिछले छह महीने में किसी भी हादसे में एक भी यात्री की जान नहीं गयी है.'' उन्होंने बताया कि हमने पहली बार रेलवे बोर्ड में सुरक्षा महानिदेशक की भी नियुक्ति की है.
इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि भारतीय रेल के 34,665 पुलों की आयु 100 साल से भी ज्यादा हो चुकी है हालांकि सरकार उनकी वास्तविक स्थिति का समय समय पर आकलन करती रहती है और साल में दो बार उनका निरीक्षण किया जाता है.
गोयल ने कहा कि इन पुलों को मानसून शुरू होने से पहले और फिर मानसून खत्म होने के बाद विस्तृत निरीक्षण किया जाता है. उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रणाली में पुल की हालत का निरीक्षण करने के लिए संख्यात्मक रेटिंग पद्धति है.
उन्होंने कहा कि पुलों के वर्गीकरण की मौजूदा प्रणाली की समीक्षा करने की सरकार की कोई योजना नहीं है और रेल पुलों को जलमार्ग की जरूरतों के आधा पर महत्वपूर्ण, बड़े एवं छोटे पुलों में वर्गीकृत किया जाता है.
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