(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Third Wave Of Corona: सितंबर में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका, दो महीने रह सकते हैं परेशानी भरे- आपदा प्रबंधन
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की तैयार की गई रिपोर्ट में कोरोना महामारी के तीसरी वेव की सितंबर महीने में आशंका जाहिर की गई है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना की दूसरी लहर भले ही धीमी पड़ गई हो लेकिन मामले अब भी लगातार दर्ज हो रहे हैं. वहीं, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की तैयार की गई रिपोर्ट में कोरोना महामारी के तीसरी वेव की सितंबर महीने में आशंका जाहिर की गई है.
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान ने यह भी आशंका जाहिर की है कि तीसरी लहर सितंबर और अक्टूबर दोनों महीने परेशानी का सबब हो सकती है. हालांकि उसके बाद यह भी बताया गया है कि अक्टूबर के बाद हालात नॉर्मल होते चले जाएंगे. आपको बता दें, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान गृह मंत्रालय के अधीन आता है.
4 से 5 लाख कोरोना केस रोजाना आ सकते हैं- नीति आयोग
बता दें, देश में कोरोना से बने हालातों में सुधार को देखते हुए ज्यादातर सभी राज्य सरकारों ने प्रतिबंधों में काफी हद तक छूट दे दी है. हालांकि, तीसरी लहर को लेकर लगातार चेतावनी दी जा रही है. बता दें, नीति आयोग ने तीसरी लहर को लेकर जिस बात की आशंका जताई है वो काफी भयावह है. नीति आयोग के मुताबिक सितंबर में 4 से 5 लाख कोरोना केस रोजाना आ सकते हैं. हर 100 कोरोना मामलों में से 23 मामलों को अस्पताल में भर्ती कराने की व्यवस्था करनी पड़ सकती है. ऐसे में पहले से ही दो लाख आईसीयू बैड्स तैयार रखने की जरूरत है.
खराब हालात से निपटने के लिए पहले से रहे तैयार- नीति आयोग
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, नीति आयोग ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद बड़ी संख्या में अस्पताल में कोविड बेड अलग रखने की सिफारिश की है. आयोग का कहना है कि खराब हालात से निपटने के लिए पहले से तैयार रहना होगा. सितंबर तक दो लाख आईसीयू बेड तैयार किए जाने चाहिए. इसके अलावा 1.2 लाख वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड, 7 लाख ऑक्सीजन वाले बेड और 10 लाख कोविड आइसोलेशन केयर बेड होने चाहिए.
नीति आयोग ने इससे पहले सितंबर 2020 में भी कोरोना की दूसरी लहर का अनुमान लगाया था. तब नीति आयोग ने 100 संक्रमितों में से गंभीर कोविड लक्षणों वाले लगभग 20 मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता बताई गई थी. लेकिन इस बार अनुमान पिछली बार से अधिक है.
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