लद्दाख का अद्भुत इलाका, जहां बंद गाड़ियां खुद चलने लगती हैं ऊपर की ओर, नहीं चाहिए इंधन
भारत में कुछ ऐसी अजीबो-गरीब जगहें हैं जहां पर ग्रैविटी फोर्स के सभी नियम टूट जाते हैं. इन जगहों पर सबसे आश्चर्यजनक बात यह होती है कि यहां बंद खड़ी गाड़ी भी खुद-ब-खुद ढलान से ऊपर की दिशा में 20 किमी की रफ्तार से चलना शुरू कर देती हैं.
![लद्दाख का अद्भुत इलाका, जहां बंद गाड़ियां खुद चलने लगती हैं ऊपर की ओर, नहीं चाहिए इंधन There is a region in India where the laws of the Gravity Force do not work, the locked vehicle starts moving upwards लद्दाख का अद्भुत इलाका, जहां बंद गाड़ियां खुद चलने लगती हैं ऊपर की ओर, नहीं चाहिए इंधन](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/12/23151107/magneti.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि भारत में एक ऐसी पहाड़ी है, जहां नीचे की ओर लुढ़कने के बजाय, चीजें वास्तव में ऊपर की ओर जाने लगती है? यहां तक कि कोई बंद खड़ी गाड़ी भी अपने आप ही ऊपर की ओर चढ़ने लगती है. सुनकर हैरान हो रहे होंगे. लेकिन यकीन मानिए ऐसा सच में है. दरअसल भारत में कुछ ऐसी अजीबो-गरीब जगहें हैं जहां पर ग्रैविटी फोर्स के सभी नियम टूट जाते हैं. इन जगहों पर सबसे आश्चर्यजनक बात यह होती है कि यहां बंद खड़ी गाड़ी भी खुद-ब-खुद ढलान से ऊपर की दिशा में 20 किमी की रफ्तार से चलना शुरू कर देती हैं. गाड़ी को अपने-आप चलता हुआ देखकर लोगों की आंखें खुली की खुली रह जाती है और ऐसा वहां स्थित मैग्नेटिक हिल्स या ग्रैविटी हिल्स की वजह से होता है.
लेह, लद्दाख में हैं मैग्नेटिक हिल्स
बता दें कि दुनियाभर में तकरीबन 30 देशों में मैग्नेटिक हिल्स हैं. भारत की बात करें तो ये हिल्स लेह-लद्दाख में है. ये लेह से लगभग 30 किमी की दूरी पर लेग-कारगिल-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर हैं. समुद्र तल से 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सिंधु नदी इस पहाड़ी के पूर्वी हिस्से में बहती है. आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह एक टूरिस्ट स्पॉट भी बनता जा रहा है. मजेदार बात यह है कि यहां की सड़कों पर पानी या किसी भी तरह का लिक्विड पदार्थ गिरने पर भी ये नीचे नहीं जाता बल्कि ऊपर की और जाने लगता है.
पहाड़ी के ऊपर से तेजी से गुजरते है हवाई जहाज
इस हिल पर आनेवाली गाड़ियो के अलावा हिल्स के ऊपर से गुजरने वाले हवाईजहाज और एयरक्राफ्ट्स में भी तकनीकी गड़बड़ियां होना शुरू हो जाती हैं. इस वजह से इस इलाके के ऊपर से गुजरने वाले विमान काफी ते गलि से निकलते हैं.
कई वैज्ञानिक कारण दिए गए हैं
मैग्नेटिक या ग्रैविटी हिल्स, को लेकर कई साइंटिफिक कारण दिए जाते हैं जैसे यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां का वातावरण और पहाड़ी ढाल की संरचना दोनों जब मिल जाती है तो दृष्टि भ्रम उत्पन्न हो जाता है. इसके मुताबिक इस हिल का जो सबसे नीचे वाला हिस्सा है वो दरअसल इसका सबसे ऊपर वाला हिस्सा है. वहीं जिसे हम सबसे ऊपरी हिस्सा समझते हैं वह असलियत में मैग्नेटिक हिल का सबसे निचला भाग होता है. इसी कारण जब गाड़ियों को यहां बंद अवस्था में छोड़ दिया जाता है तो वे हमें ऊपर की तरफ जाती हुई दिखाई देती है.
दृष्टि भ्रम भी बताया गया है एक कारण
वहीं एक और कारण ये भी दिया जाता है कि दृष्टिभ्रम की वजह से हमें चीजें कई बार अपने साइज में छोटी या बड़ी दिखाई देने लगती हैं. यह सबसे ज्यादा क़ॉमन कारण है, जिसे दुनिया भर में कई जगहों पर देखा भी गया है. इसकी एक वजह पहाड़ी क्षेत्रों में मौजूद लंबी और सीधी सड़कें भी होती है. दरअसल पहाड़ी एरिया होने की वजह से इनका क्षैतिज तल पूरी तरह से स्पष्ट नहीं होता है इस वजह से दृष्टि भ्रम होता . वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस पहाड़ में मौजूद मैग्नेटिक पावर की वजह से ऐसा होता है.
मैग्नेटिक पहाड़ी का रहस्य है अनसुलझा
वहीं यहां के स्थानीय लोग तो कुछ और ही कहानी सुनाते हैं. लद्दाख के ग्रामीणों का मानना है कि यह सड़क कभी स्वर्ग जाती थी. जो लोग योग्य होते थे उन्हें यह सड़क खुद अपनी और खींच ले जाती थी और जो लोग अवांछनीय थे, वे कभी भी इसका रास्ता नहीं खोज सके. जो भी हो लेकिन फिलहाल इस पहाड़ी का रहस्य अनसुलझा ही है.
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