Social Media Guidelines: फरवरी 2021 में जारी की गई आईटी गाइडलाइंस के बाद अब केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया गाइडलाइंस को लेकर ज़हन में उठने वाले सवालों का जवाब भी जारी किया है. केंद्रीय मंत्रालय ने  FAQ(Frequently Asked Questions) जारी करते हुए कहा है कि इस FAQ में उन तमाम सवालों का जवाब देने की कोशिश की गई है जो इन आईटी गाइडलाइंस का सोशल मीडिया पर प्रभाव को लेकर लोगों के ज़हन में उठते रहे हैं. 


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण नहीं


इस सबके बीच केंद्रीय आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने साफ तौर पर कहा कि केंद्र सरकार का इरादा किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण का नहीं है और ना ही केंद्र सरकार किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने हिसाब से चलाना चाहती है. आईटी राज्यमंत्री  राजीव चन्द्रशेखर ने FAQ जारी करते हुए कहा अगर ऑनलाइन (online) कुछ गैर कानूनी होता है तो सरकार के पास अधिकार है कि वो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन कंटेंट देने वाली कंपनियों को उसके बारे में जानकारी दे और ऐसे आपत्तिजनक कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई की जाए.


किसी को गैर कानूनी काम करने की अनुमति नहीं


केंद्रीय आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का मतलब ये नहीं कि किसी को गैर कानूनी काम करने की अनुमित दी जाए. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हमारी सरकार की मंशा कभी यह नहीं रही कि हम किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ऊपर दबाव बनाए या उनको अपने अधीन काम करने को मजबूर करें. हमारी सरकार की नीति साफ है कि देश का कानून सबके लिए बराबर है हम किसी पर जबरन कुछ लागू नहीं करना चाहते.


गैर कानूनी सामग्री पर नजर


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन कंटेंट देने वाली कंपनियों के साथ ही विपक्षी पार्टियों द्वारा इन आईटी गाइडलाइन को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर जवाब देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि जिसको जो कहना है वह कहता रहे. लेकिन इन गाइडलाइंस का मकसद साफ है कि इंटरनेट को साफ सुथरा रखा जा सके और गैर कानूनी सामग्री पर नजर रखी जा सके और ऐसा कुछ आपत्तिजनक, गैर कानूनी या भड़काऊ मिलने पर कार्रवाई की जा सके.


गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा फरवरी 2021 में आईटी गाइडलाइंस जारी की थी जिसके बाद तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाना शुरू किया कि केंद्र सरकार इन गाइडलाइनस के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. तो वहीं कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने कहा कि केंद्र सरकार इन गाइडलाइंस के ज़रिये लोगों की निजता के अधिकार का हनन करना चाहती है.


हालांकि सरकार लगातार यह कहती रही है कि इन दिशानिर्देशों का मकसद किसी की निजता के अधिकार का हनन नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक, गैर कानूनी और भड़काऊ सामग्री की निगरानी करना है. इनके ज़रिये ये सुनिश्चित करना है ऐसी सामग्री के जरिए किसी तरह के हालात खराब ना हो. ये गाइडलाइन यह भी सुनिश्चित करेंगी कि यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन कंटेंट देने वाली कंपनी भी भारतीय कानून के दायरे में रहे और काम करें.


PM Modi Glasgow Visit: ब्रिटेन की धरती से दुनिया को पर्यावरण 'मंत्र' देने से पहले भारतीयों से मिले पीएम मोदी