महाराष्ट्र: महाराष्ट्र से राज्यसभा चुनाव के लिये शिवसेना ने अपने खाते में आ रही इकलौती सीट से प्रियंका चतुर्वेदी को टिकट दिया है. इससे औरंगाबाद से शिव सेना के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे भडक गये हैं. खैरे खुद इस सीट पर नजर गडाये हुए थे. शुक्रवार को प्रियंका चतुर्वेदी ने महाराष्ट्र से राज्यसभा चुनाव के लिये बतौर शिवसेना उम्मीदवार पर्चा भरा. प्रियंका पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता थीं और पिछले साल ही उन्होने कांग्रेस छोडकर शिवसेना की सदस्यता ली थी. माना जा रहा है कि प्रियंका को टिकट उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्या ठाकरे की पहल पर दिया गया.


 प्रियंका को टिकट दिये जाने से वरिष्ठ शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे खफा हो गये हैं. खैरे औरंगाबाद से 4 बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें एमआईएम के इंतियाज जलील ने हरा दिया. खैरे को उम्मीद थी कि पार्टी उनका सम्मान करते हुए उन्हें राज्यसभा भेज देगी लेकिन प्रियंका चतुर्वेदी की उम्मीदवारी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. खैरे ने गुस्से में आकर अपना फोन बंद कर दिया है और किसी से भी बात नहीं कर रहे.


इससे पहले एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए उन्होने आदित्य ठाकरे पर निशाना साधाते हुए कहा था – ‘मेरे शहर को सांसद की जरूरत थी लेकिन आदित्य साहब को पसंद नहीं आया. मैने बालासाहब और उद्धव साहब के साथ कई सालों तक काम किया. अब उनको लग रहा है कि नये लोगों को मौका दिया जाना चाहिये. अब ये महिला अच्छा काम करेगी. हिंदी, अंग्रेजी भी बोलती है. मैं श्मशान जाने तक शिवसैनिक रहूंगा. बाकी के लोग आते जाते रहते हैं. इन्होने प्रशांत किसोर को बुलाया था लेकिन जब अकेले उद्धव थे तब 67 सीटें आईं थीं. अब उनको चाटना था क्या? पुराने लोगों की जरूरत होती है’.


प्रियंका चतुर्वेदी से पहले भी शिवसेना संजय निरूपम, प्रितीश नंदी और राम जेठमलानी जैसे कई गैर मराठियों को टिकट दे चुकी है.


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