Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि इसमें सभी धर्मों और जातियों के लिए समान कानून होना चाहिए और किसी के लिए छूट नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह यूनिफॉर्म सिविल कोड है इसलिए सबके लिए कानून और अधिकार समान होना भी जरूरी है, वरना लगेगा कि किसी खास समूह या समुदाय को निशाना बनाकर इसे लागू किया गया है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर से हटाए गए आर्टिकल 370 को लेकर भी बयान दिया और कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि इस मुद्दे पर सुनवाई शुरू हो रही है.
UCC का मतलब समान कानून और अधिकार है: उमर अब्दुल्ला
इस समय देश में यूसीसी का शोर है. एक पक्ष इसके फायदे गिनवाकर इसे लागू करने की पैरवी में लगा है तो वहीं एक वह पक्ष है जो इसको लागू होने से रोकने के लिए इसकी कमियां बता रहा है. इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने यूसीसी पर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा, "UCC में सभी धर्मों और जातियों के लिए समान कानून और अधिकार होने चाहिए, न ही कोई छूट होनी चाहिए, फिर वह हिंदू, सिख, ईसाई, दलित या कोई भी हो. नहीं तो लगेगा कि इसे खास समुदाय और मुसलमान एवं मुस्लिम पर्सनल लॉ को निशाना बनाने के लिए लाया जा रहा है." उन्होंने आगे कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब समान अधिकार और कानून है.
NCP में पड़ी फूट को लेकर बीजेपी पर बोला हमला
इस दौरान, उन्होंने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी में पड़ फूट को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर भी हमला बोला और दावा किया कि बीजेपी इस समय सबसे कमजोर पार्टी हो चुकी है. उन्होंने कहा, "बीजेपी इस समय अपने सबसे कमजोर दौर से गुजर रही है इसलिए वह एनडीए का पुनर्जागरण कर रही है और दूसरे दलों में फूट ड़ाल रही है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वह विपक्षी दलों को खत्म कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के टूटने से शरद पवार कमजोर नहीं हुए हैं.
आर्टिकल 370 को लेकर भी दिया बयान
वहीं, आज से जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस पर उमर ने कहा कि हम खुश हैं कि इस मामले में आज से सुनवाई शुरू हो रही है. उन्होंने कहा कि वह इस पर केंद्र की ओर से दर्ज की गई अर्जी पर कुछ नहीं कहेंगे, उस पर कोर्ट में जवाब दिया जाएगा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस पर सुनवाई की और अब अगली सुनवाई अगस्त में होगी.
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