WhatsApp जासूसी : संसदीय कमिटी की बैठक में हंगामा, LJP-शिवसेना ने BJP नेताओं के रुख से अलग लिया फैसला
बैठक में समिति के 30 सदस्यों में से 24 मौजूद थे जिसमें अध्यक्ष शशि थरूर भी शामिल थे. जब वोटिंग हुई तो मामला टाई पर रहा. दोनों पक्षों की ओर से 12 - 12 वोट पड़े
नई दिल्ली: व्हाट्सएप (WhatsApp) जासूसी कांड के मामले पर बुलाई गई संसदीय स्थाई समिति की बैठक में दो घंटे तक इसी बात पर बहस होती रही कि इस मामले पर कमिटी में चर्चा हो सकती है या नहीं. वहीं बैठक में जमकर हंगामा देखने को मिला.
बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थाई समिति की बैठक बुलाई गई थी. कांग्रेस सांसद शशि थरूर समिति के अध्यक्ष हैं. हुआ यूं कि जब बैठक शुरू हुई तब बीजेपी समेत कुछ दलों के सांसद इस बात पर अड़ गए कि समिति इस विषय पर चर्चा नहीं कर सकती. निशीकांत दुबे और अन्य बीजेपी सांसदों इस बात के पक्ष में नहीं थे जबकि कांग्रेस और कुछ दलों के सदस्य इसपर चर्चा कराए जाने के पक्ष में थे. जब गतिरोध बना रहा तो फैसला करने के लिए वोटिंग करवाई गई.
टाई के बाद थरूर के वोट से फैसला, एलजेपी विपक्ष के साथ रही
बैठक में समिति के 30 सदस्यों में से 24 मौजूद थे जिसमें अध्यक्ष शशि थरूर भी शामिल थे. जब वोटिंग हुई तो मामला टाई पर रहा. दोनों पक्षों की ओर से 12 - 12 वोट पड़े. ऐसी स्थिति में नियम के मुताबिक शशि थरूर ने अध्यक्ष के तौर पर अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर विपक्ष का साथ दिया और चर्चा कराने पर फैसला हुआ. ताज्जुब की बात ये रही कि शिवसेना के साथ साथ लोकजनशक्ति पार्टी ने भी विपक्ष के रुख का समर्थन किया और वोट भी उनके समर्थन में दिया. बिहार के खगड़िया से एलजेपी के सांसद महबूब अली कैसर बैठक में मौजूद थे.
गृह और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव इंतजार करते रहे
बैठक में गृह सचिव अजय भल्ला और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय साहनी को इस मामले पर जानकारी देने के लिए बुलाया गया था लेकिन दो घंटे तक समिति के अंदर चले गतिरोध के चलते समिति कक्ष के बाहर ही बैठना पड़ा. जब चर्चा शुरू हुई तो पहले अजय साहनी ने समिति के सामने अपनी बात रखी जिसके बाद गृह सचिव भल्ला को अपनी बात रखनी थी लेकिन भल्ला थोड़ी देर ही अपनी बात रखकर चले गए जिसके बाद उनकी ओर से मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने समिति को जवाब दिया.
केंद्र सरकार पर व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के ज़रिए कुछ लोगों की जासूसी का आरोप लगा था. कांग्रेस ने तो प्रियंका गांधी की भी जासूसी होने का आरोप लगाया था. बैठक में आए अधिकारियों ने समिति को बताया कि ऐसी शिकायतें मिली हैं और इसकी जांच चल रही है. इन कॉलों की निजता की निगरानी करने वाली संस्था ने इस मामले को लेकर व्हाट्सएप से बात की है.
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