चिकेन और अंडे के रेट में आया भारी उछाल, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
कोरोना संकट के दौरान फल और सब्जियां तो महंगी हुई हीं लेकिन अब महामारी का सीधा असर पोल्ट्री प्रोडक्ट्स पर भी देखने को मिल रहा है. चिकेन और अंडे के भाव में तेजी से इजाफा हो रहा है.
कोरोना संकट के दौरान फल और सब्जियां तो महंगी हुई हीं लेकिन अब महामारी का सीधा असर पोल्ट्री प्रोडक्ट्स पर भी देखने को मिल रहा है. चिकेन और अंडे के भाव में तेजी से इजाफा हो रहा है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 140 से 160 रुपये किलो बिकने वाला चिकन अब 250 से 280 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है. वहीं, कच्चे अंडे की कीमत भी 5 रुपये प्रति पीस से बढ़कर 7 रुपये प्रति पीस हो चुकी है.
पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रमेश खत्री ने बताया, "मक्का, सोयाबीन, बाजरा और सोया आहार जैसे कच्चे माल की कीमतों में तेजी आने से पोल्ट्री प्रोडक्ट्स की लगात में 50 से 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही देशभर के पोल्ट्री फार्म से जुड़े किसान कच्चे माल की कीमतों में उछाल आने के कारण इस साल इस कारोबार से बाहर रहे हैं. देश के कई हिस्सों में बीमारियों से मुर्गियों की मौत हो गई हैं. इससे भी उत्पादन प्रभावित हुआ है."
आने वाले समय में भी कम नहीं होंगी कीमतें
उन्होंने कहा, अंडा और चिकन, दोनों से जुड़े व्यापारी अभी घाटे में काम कर रहे हैं. पोल्ट्री के फार्म गेट के दाम अभी भी 120 से 130 रुपये प्रति किलोग्राम पर है. हालांकि, खुदरा बाजार में कीमत इससे काफी अधिक है." उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी चिकन और अंडे की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से बहुत राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. इस पूरे साल में चिकन की महंगाई बनी रहेगी. बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टर भी लोगों को इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पोल्ट्री प्रोडक्ट्स यूज करने की सलाह दे रहे हैं. यह भी एक वजह है कि ये प्रोडक्ट्स महंगे होते जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें