नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर में एक सीवर टैंक की सफाई के दौरान हाल ही में मारे गए पांच मजदूरों के पास निजी सुरक्षा उपकरण नहीं थे. यह जानकारी मंगलवार को दिल्ली सरकार द्वारा जारी की गई जांच रिपोर्ट में दी गई.
अतिरिक्त श्रम आयुक्त-द्वितीय के. आर. वर्मा द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार उन्नति इंजीनियरिंग एंड कॉन्ट्रैक्टर प्राइवेट लिमिटेड में नौकरी कर रहे पांच मजदूर कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) और कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत आते थे.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों ठेकेदारों, डीएलएफ (जो फ्लैट बनाती है) और जेएलएल जिसके पास सेप्टिक टैंक की सफाई का जिम्मा था, के साथ-साथ मुख्य नियोक्ता उन्नति इंजीनियरिंग एंड कॉन्ट्रैक्टर प्राइवेट लिमिटेड को संविदा श्रमिक कानून (1970) और न्यूनतम वेतन कानून (1948) के प्रावधानों के तहत नोटिस जारी किए गए.
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रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘मजदूरों को जल-मल शोधन संयंत्र के सेप्टिक टैंक में बिना निजी सुरक्षा उपकरणों के उतरने दिया गया.’’ इसमें यह भी कहा गया है कि चूंकि, सभी मृतक ईसीआई योजना के तहत आते थे तो इस मामले में कर्मचारी मुआवजा कानून (1923) के प्रावधान लागू नहीं होते. हालांकि, आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि इस घटना के बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा था. दिल्ली सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए थे.
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