Yogi Government On Madarsa: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी सरकार ने राज्य के उन सभी मदरसों (Madarsa) के सर्वे के निर्देश जारी किए हैं जिन्हें मान्यता नहीं मिली है. इसके लिए जिलाधिकारियों को आदेश दे दिया गया है. बताया जा रहा है कि, इस सर्वे टीम में एसडीएम, बीएसए और अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल होंगे. वहीं, योगी सरकार के इस निर्देश की AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने निंदा की है. उन्होंने इसे सर्वे नहीं बल्कि एक मिनी-NRC बताया है. 


ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "राज्य में सभी मदरसे आर्टिकल-30 के तहत हैं फिर सरकार ने ये आदेश क्यों जारी किया है? ये सर्वे नहीं बल्कि एक छोटा एनआरसी है. कुछ ऐसे भी मदरसे हैं जो यूपी मदरसा बोर्ड के तहत हैं." ओवैसी ने आगे कहा, "हमें आर्टिकल-30 के तहत अधिकार मिले हुए हैं और इसमें सरकार किसी प्रकार से दखलंदाजी नहीं कर सकती. ये सिर्फ मुसलमानों को प्रताड़ित करना चाहते हैं." 






25 अक्टूबर तक सौंपी जाएगी रिपोर्ट


दरअसल, यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि, योगी सरकार अल्पसंख्यक और मुस्लमान युवाओं के लिए लगातार काम कर रही है. ये आदेश इसलिए दिए गए हैं ताकि मदरसों को मॉडर्न और डिजिटल बनाया जा सके. दानिश ने आगे बताया कि, 25 अक्टूबर तक जिलाधिकारी इस आदेश पर काम कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे. 


मुस्लमानों के भले के लिए हो रहा सर्वे- दानिश आजाद अंसारी 


दानिश ने इस सर्वे की और जानकारी देते हुए बताया कि, इस बात को देखा जाएगा कि मदरसों में सैलरी किस तरह दी जाती है? मदरसों का इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा है? पहले मदरसों का सर्वे किया जाएगा उसके आधार पर आगे किसी प्रकार का फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि, सरकार को जानकारी होनी चाहिए कि असल में ग्राउंड पर चल क्या रहा है. 


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