नई दिल्लीः देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पिछले 11 दिनों से आईएनएक्स मीडिया घोटाले में सीबीआई की कस्टडी में हैं. इस कस्टडी के दौरान उन्हें सीबीआई मुख्यालय की वातानुकूलित इमारत में बडे़े अधिकारी के आराम कक्ष में रखा जा रहा है जहां उन्हें सभी तरह की सुविधाएं मिली हुई है. जहां तक सीबीआई में नहाने की बात है तो वहां के ऑफिसर्स बाथरूम बेहतरीन हैं और वहां वो सभी सुविधाएं है जो एक शानदार होटल में होनी चाहिए. चिदंबरम पिछले 11 दिनों से इसी सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं.


ये तो बात हुई चिदंबरम की कस्टडी की लेकिन नियम के मुताबिक ये कस्टडी केवल तभी तक चल सकती है जब तक कोर्ट उसकी इजाजत दे वरना उसके बाद आरोपी को जेल में शिफ्ट होना पड़ता है और वीआईपी आरोपी को दिल्ली की तिहाड़ जेल में जाना पड़ता है. चिदबंरम के मामले में यह सामने आया है कि उनके वकील पुरजोर कोशिश कर रहे है कि या तो चिदंबरम को सीबीआई कस्टडी मे रखा जाए य़ा फिर हाऊस अरेस्ट किया जाए या फिर जमानत दे दी जाए लेकिन उन्हें तिहाड़ जेल ना भेजा जाए. अघोषित तौर पर उनके वकील अदालत मे इसी तरह की जिरह कर रहे हैं.


सूत्रों का कहना है कि देश का गृहमंत्री होने के नाते चिदंबरम को यह अच्छी तरह पता है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल की बनावट इस तरह की है कि वहां जेल प्रशासन चाहने के बावजूद एसी नहीं लगवा सकता और जिस तरह की गर्मी दिल्ली में चल रही है उससे चिदंबरम पूरी तरह से बचना चाहते हैं. जेल सूत्रों के मुताबिक यदि प्रशासन किसी आरोपी का खुल कर साथ देने पर आमादा हो जाए तो उसे जेल नंबर एक तीन चार में बेहतरीन कमरा, अटैच बाथरूम, टैम्प्रेरेरी किचन सुरक्षा के लिए गार्ड और काम करने के लिए बेहतरीन कैदी दे सकता है. इसके साथ ही वो छोटे कूलर की भी व्यवस्था कर सकता है लेकिन इमारत की बनावट ऐसी है कि आज तक किसी भी जेल बैरक मे एसी लग ही नहीं पाया. लिहाजा गर्मी की मार तो वीआईपी को झेलनी ही होती है खासकर शाम सात बजे के बाद और सुबह दस बजे तक. क्योंकि तब जेल का प्रशासन वाला हिस्सा बंद रहता है और जेल का अंदरूनी हिस्सा काम करता है.


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