नई दिल्ली: आज योगी आदित्यनाथ सीएम की शपथ लेंगे. पद संभालते ही योगी के सामने कई चुनौतियां होंगी जिनसे निपटना उनके एजेंडे में सबसे ऊपर होगा. बीजेपी ने कानून व्यवस्था को चुनाव में अहम मुद्दा बनाया था. कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश सरकार पर आरोपों की जमकर बौछार हुई. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर पीएण मोदी तक ने अखिलेश सरकार को कानून व्यवस्था पर जमकर घेरा था.


कानून व्यवस्था की समस्या से कैसे निपटेंगे योगी?
बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कई वादे किए.


- महिला सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो दल
- डेढ लाख पुलिस वालों की भर्ती
- हर जिले में 3 महिला पुलिस स्टेशन
- और एंटी भू माफिया टास्क फोर्स का गठन करने जैसे कई वादे किए गए


नकल कैसे रोकेंगे योगी आदित्यनाथ?


चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने यूपी की परीक्षाओं में नकल को बड़ा मुद्दा बना दिया. नकल पर जमकर राजनीति हुई. एक जानकारी के मुताबिक यूपी में नकल का कारोबार करीब पांच हजार करोड़ तक पहुंच चुका है. नकल से पास कराने का ठेका प्रति छात्र 10 हजार से 1 लाख तक का होता है. दाखिले से लेकर पास कराने तक का रेट 20-25 हजार रुपए तक जाता है


मनचाहे केंद्र पर एग्जाम के लिए 50 हजार रुपए तक लगते हैं. सेंटर बनवाने का रेट कम से कम 100 बच्चों पर एक लाख रुपए तय होता है. नकल सिर्फ उत्तर प्रदेश की परेशानी नहीं है. कई राज्यों में खुलेआम नकल होते हैं लेकिन योगी आदित्यनाथ के सामने चुनौती होगी अपने राज्य को नकल से मुक्त करने की.


'श्मशान-कब्रिस्तान' भी एक चुनौती


यूपी चुनाव में श्मशान-कब्रिस्तान का मुद्दा उठाकर बीजेपी ने अखिलेश सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया. खुद योगी आदित्यनाथ ने भी इस मुद्दे को अपने तरीके से जनता के सामने रखा. अभी तक तो योगी आदित्यनाथ को कट्टर हिंदूवादी नेता और बीजेपी सांसद के तौर पर जाना जाता रहा है, लेकिन अब वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री है, राज्य की करीब 22 करोड़ जनता को ना सिर्फ साथ लेकर चलने बल्कि उनके लिए एक उत्तम प्रदेश बनाने की भी चुनौती भी रहेगी.