China Enemy Countries List: पड़ोसी देश चीन (China) का भारत समेत कई देशों से तनाव चल रहा है. एक-दो देशों को छोड़कर चीन का अधिकतर अपने पड़ोसी देशों के साथ कोई न कोई विवाद है. ताइवान मुद्दे और भारत में एलएसी पर हुई सैनिकों की झड़प को लेकर अमेरिका ने भी चीन का विरोध जताया है. हाल ही में अल जजीरा ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस बात की आशंका तेज है कि चीन स्व-शासित द्वीप (Taiwan) पर हमले का आदेश दे सकता है.


अमेरिका इस क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता और सैन्य संतुलन बनाए रखने के लिए ताइवान की सहायता कर रहा है. अमेरिका ने ताइवान की मिसाइल रक्षा प्रणालियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 100 मिलियन डॉलर का समर्थन करार किया है. इस निर्णय के बाद अमेरिका में चीन के राजदूत ने बाइडेन प्रशासन को चेतावनी दी थी. भारत और ताइवान के साथ ही 16 अन्य देश भी चीन के साथ क्षेत्रीय विवादों में उलझे हुए हैं. ये सभी देश चीन को अपना दुश्मन मानते हैं.


वियतनाम
दक्षिण चीन सागर विवाद में चीन और वियतनाम लंबे समय से समुद्री क्षेत्रीय विवादों का सामना कर रहे हैं. कूटनीति के माध्यम से इस मुद्दे को हल करने के प्रयासों के बावजूद कोई खास सफलता नहीं मिली है. 


जापान
चीन का एक और दुश्मन देश है, जिसका नाम जापान है. चीन और जापान, टोक्यो में सेनकाकू द्वीप समूह (Senkaku Islands), बीजिंग में दियाओयू द्वीप समूह (Diaoyu Islands) और ताइवान में तियाओयुताई द्वीप समूह (Tiaoyutai Islands) को लेकर बार-बार टकराते रहे हैं. बीजिंग ने 1970 के दशक में द्वीपों पर संप्रभुता का सवाल उठाना शुरू किया, जब इस क्षेत्र में तेल भंडार के सबूत सामने आए. यह क्षेत्र प्रमुख शिपिंग लेन और मछली पकड़ने वाले क्षेत्रों के बेहद करीब है.


वहीं, एक राजदूत ने कहा, "कुछ सालों से बीजिंग सेनकाकू और दियाओयू द्वीप समूह के निकटवर्ती क्षेत्र में चीन के तट रक्षक जहाजों की उपस्थिति बढ़ाकर तनाव बढ़ा रहा है. उनकी उपस्थिति परेशान करने वाली और जापान के लिए खतरनाक साबित हो रही है. इसे लेकर भी दोनों देशों के बीच खासा तनाव बना हुआ है.''


नेपाल
चीन का नेपाल के साथ भी तनाव चल रहा है. बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि हाल ही में नेपाल सरकार ने पहली बार आधिकारिक रूप से दावा किया कि चीन उसके क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रहा है. दोनों देशों की आपस में साझी सीमा है. नेपाल सरकार ने चीन पर अतिक्रमण का आरोप भी लगाया गया है.


भूटान
चीन और भूटान के बीच 292 मील की सीमा साझा होती है. यही सीमा दोनों देशों के बीच 'क्षेत्रीय विवाद संभावित संघर्ष' का एक स्रोत बना हुआ है. 1980 के दशक से दोनों सरकारों ने तनाव कम करने के उद्देश्य से सीमा और सुरक्षा के मुद्दों पर नियमित बातचीत भी की है. पिछले महीने वॉयस ऑफ अमेरिका ने एक रिपोर्ट के हवाले बताया था कि बीजिंग ने हिमालयी सीमाओं के साथ गांवों और बस्तियों का निर्माण शुरू कर दिया है. हालांकि, भूटान ने अपनी सीमा पर चीनी बस्तियों की रिपोर्ट का कोई जवाब नहीं दिया है.


भारत
चीन का भारत के साथ तनाव जगजाहिर है. दोनों देशों के बीच जारी तनाव 1962 के युद्ध से ही है. वहीं, अभी जून 2020 में LAC में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई. हाल ही में तवांग क्षेत्र में भी भारत और चीन के सैनिक आपस में भिड़ गए. इसके बाद से चीन वैश्विक स्तर पर दबाव में है.


इंडोनेशिया
दक्षिण चीन सागर को लेकर बीजिंग का इंडोनेशिया के साथ भी तनाव है. निक्केई एशिया (Nikkei Asia) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, "चीन ने बार-बार मांग की है कि इंडोनेशिया साउथ चाइना सी के क्षेत्र में एक तेल और प्राकृतिक गैस परियोजना को रोक दे. प्राकृतिक संसाधनों को निकालने के प्रयास इसके क्षेत्रीय जल का उल्लंघन हैं."


मलेशिया
पिछले साल जून में मलेशिया ने अपने पूर्वी राज्य सारावाक (state of Sarawak) से विवादित जल क्षेत्र में 16 सैन्य विमानों के उड़ान भरने के बाद चीन के राजदूत को तलब किया था. मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने उस समय कहा था कि युद्धाभ्यास राष्ट्रीय संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा था. पिछले एक दशक में बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर और एक अमेरिकी गैर-लाभकारी अनुसंधान और विश्लेषण संगठन में मलेशिया के क्षेत्र के प्रति एक तेजी से मुखर मुद्रा अपनाई है. 


लाओस
लाओस की चीन के साथ 313 मील की सीमा है, जो पश्चिम में म्यांमार के साथ और पूर्व में वियतनाम के साथ यात्रा बिंदु तक जाती है. द प्रिंट ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, "चीन का आरोप है कि युआन राजवंश के ऐतिहासिक उदाहरण के आधार पर लाओस के बड़े हिस्से पर उसका अधिकार है."


दक्षिण कोरिया
चीन का दझिण कोरिया के साथ भी तनाव चल रहा है. सोकोट्रा रॉक ( Socotra Rock), जो पीले सागर (Yellow Sea) की सतह से 4.6 मीटर नीचे स्थित है, यही क्षेत्र दक्षिण कोरिया और चीन के बीच एक क्षेत्रीय विवाद का विषय बना हुआ है. दोनों देशों का दावा है कि यह उनके विशेष आर्थिक क्षेत्र में आता है. हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून यह निर्धारित करता है कि किसी देश के प्रादेशिक समुद्र के बाहर एक जलमग्न चट्टान, जिसे आमतौर पर 12 समुद्री मील के रूप में मापा जाता है, किसी भी देश की ओर से क्षेत्र के रूप में दावा नहीं किया जा सकता है.


इन देशों के अलावा चीन का नॉर्थ कोरिया, मंगोलिया, म्यांमार, तिब्बत, सिंगापुर और ब्रुनेई के साथ किसी न किसी मुद्दे को लेकर तनाव है. कथित तौर पर ये सभी 16 देश चीन को अपना कट्टर दुश्मन मानते हैं. दावा किया जाता है कि चीन की भी इन देशों के साथ कुछ खास नहीं बनती है और समय-समय पर उसे वैश्विक और कूटनीतिक स्तर पर मुंह की खानी पड़ती है.


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