5 अगस्त को अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन पर पूरे देश की निगाहें जमी हैं. कई दशकों की कानूनी लड़ाई और आंदोलनों के बाद आखिरकार राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण की शुरुआत हो रही है. यूं तो भारत समेत दुनियाभर में मौजूद हिंदू इस अवसर के लिए बेहद उत्साहित हैं, लेकिन वाराणसी में कुछ ऐसी मुस्लिम महिलाएं हैं, जो खुद को राम भक्त बताती हैं और इस खास दिन के लिए बेहद उत्सुक हैं.


अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद को लेकर हिंदुओं और मुसलमानों में कई कई सालों से विवाद है. इस विवाद के कारण देश को अलग-अलग रंग देखने को मिले हैं, लेकिन एक रंग ऐसा भी है, जो विवाद नहीं, बल्कि सद्भाव को दर्शाता है.


3 दिन का रामचरितमानस पाठ का आयोजन


वाराणसी के लमही गांव में इन दिनों में श्री रामचरितमानस का पाठ चल रहा है. ये पाठ 5 अगस्त को भूमि पूजन वाले दिन तक चलेगा. इस पाठ की सबसे खास बात ये है कि ये सिर्फ हिंदुओं की ओर से नहीं चल रहा, बल्कि मुस्लिम महिलाएं भी इसमें शामिल हैं और वो जय श्री राम के उद्घोष के साथ इस पाठ में शामिल हैं.


ये महिलाएं इसी गांव के मुस्लिम महिला फाउंडेशन की सदस्य हैं. खास बात तो यह है कि ये भगवान राम को अपना पूर्वज मानती हैं और यही कारण है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर ये भी काफी उत्साहित हैं.


इन मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि कई सालों की मेहनत और कुर्बानियों के बाद आखिरकार राम मंदिर का सपना पूरा हो रहा है. इसलिए वे इस पाठ का हिस्सा हैं. उनका मानना है कि देश में भाईचारे के लिए भगवान राम के बताए रास्ते पर चलना जरूरी है.


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