इन कैदियों को मिलेगी वीडियो कॉल पर बात करने की इजाजत
अधिकारी ने बताया कि महिला कैदी और खुली जेल के कैदी अपने परिवारों से वीडियो कॉलिंग के जरिए आमने-सामने बात कर सकते हैं. बातचीत पर एक पुलिस कांस्टेबल नजर रखेगा.
मुंबई: महाराष्ट्र में महिला कैदी और खुली जेल के कैदी अब अपने परिवार और रिश्तेदारों को वीडियो कॉल कर सकते हैं. राज्य सरकार के जेल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने दावा किया कि देश में कैदियों के लिए यह अपनी तरह की पहली पहल है.
अधिकारी ने बताया कि पहल के तहत जेल विभाग ने महिला जेलों और खुली जेल में बंद कैदियों के लिए स्मार्ट वीडियो कॉलिंग की सुविधा शुरू की है. उन्होंने कहा कि कैदी पांच मिनट के लिए अपने परिवार के सदस्यों से बात कर सकते हैं और इस सेवा के इस्तेमाल के लिए उन्हें पांच रुपये भुगतान करना होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘पुणे के यरवदा में स्थित केन्द्रीय जेल में इसे प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया था और अब इसे समूचे राज्य में महिला जेलों और खुली जेलों में शुरू किया गया है.’’ वीडियो कॉलिंग सुविधा के माध्यम से कैदी नियत दिन विभाग में पंजीकृत मोबाइल फोन नंबरों पर पांच मिनट तक अपने परिवार और सगे-संबंधियों से बात कर सकते हैं.
बातचीत पर रहेगी पुलिस की नजर
अधिकारी ने बताया कि वीडियो कॉलिंग सुविधा के लिए स्मार्टफोन के इस्तेमाल से कैदी और उनके परिवार के लोग आमने-सामने बात कर सकते हैं. इन स्मार्टफोन को कैदी कल्याण कोष से खरीदा जायेगा. उन्होंने कहा कि पूरी बातचीत पर एक पुलिस कांस्टेबल नजर रखेगा ताकि यह सुनिश्चित हो कि बातचीत सिर्फ पारिवारिक मुद्दों और हाल-चाल जानने के इर्द गिर्द हो.
पहले फोन के जरिए कैदी करते थे बाचचीत
इससे पहले विभाग ने जेल के अंदर कैदियों के लिए टेलीफोन लगाया था, जिसमें सिक्का डालकर वे अपने परिवार के सदस्यों से बात कर सकते थे. ये फोन अदालत के आदेश पर लगाये गये थे, जिसके तहत कैदी पांच मिनट तक फोन पर बात कर सकते थे.