नई दिल्ली: गुजरात विधान सभा चुनाव में करीब 16 सीटों पर काफी रोचक मुकाबला देखने को मिला. इन सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस को दांतों तले अंगुलियां दबाने के लिए मजबूर होना पड़ा. कुछ सीटों पर तो जीत हार का अंतर लगभग 200 मतों का था.


धोलका और फतेपुरा जैसी सीटों पर एनसीपी और बीएसपी जैसी छोटी पार्टियों ने महत्वपूर्ण वोट अपनी झोली में डालकर कांग्रेस से जीत छीन ली. कुछ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अच्छे खासे मत हासिल किये. हिम्मतनगर, पोरबंदर, विजापुर, देवदर, डांग, मानसा और गोधरा विधानसभा सीटों पर रोचक मुकाबला देखने को मिला. कई स्थानों पर निर्दलीय उम्मीदवारों और प्रमुख बागियों ने दो मुख्य पार्टियों में से एक के वोट काटे.


डांग सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अपने नजदिकी प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के उम्मीदवार से केवल 768 मतों के अंतर से जीत दर्ज कर सके जबकि कपराडा (अनसूचित जाति) सीट पर कांग्रेस केवल 170 वोटों से विजय हासिल कर पाई. गोधरा समेत ऐसी कम से कम आठ सीटें ऐसी थी जहां कांग्रेस के उम्मीदवार अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों से दो हजार से कम मतों से पीछे रहे.


गोधरा सीट पर बीजेपी के सी के राउलजी केवल 258 वोटों से जीत दर्ज कर पाये. गोधरा में नोटा वोटों की संख्या 3,050 थी और एक निर्दलीय उम्मीदवार को 18,000 से अधिक मत मिले. धोलका विधानसभा सीट पर कांग्रेस केवल 327 वोटों के अंतर से हारी. इस सीट पर बीएसपी और एनसीपी को क्रमश: 3139 और 1198 वोट मिले.


इसी तरह फतेपुरा सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस पर 2,711 वोटों से जीत हासिल की. एनसीपी उम्मीदवार को 2,747 मत प्राप्त हुए. बोटाद सीट पर कांग्रेस केवल 906 वोटों के अंतर से हारी. इस सीट पर बीएसपी को 966 मत मिले. तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने यहां लगभग 7,500 मत प्राप्त किये.


कपराडा विधानसभा सीट के अलावा बीजेपी ने मानसा सीट 524 वोटों से गंवाई. बीजेपी देवदर सीट पर 972 वोटों से हारी.