नई दिल्ली: 26 जनवरी एक ऐसा दिन है, जो देश का राष्ट्रीय पर्व है. देश का हर नागरिक चाहे वह किसी धर्म, जाति या संप्रदाय से ताल्लुक रखता हो, इस दिन को राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत होकर मनाता है. इतिहास की बात करें तो इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ. भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी तो मिल गई थी, लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ. इस दिन राजधानी में राजपथ पर होने वाले मुख्य आयोजन में भारत की सांस्कृतिक झलक के साथ ही सैन्य शक्ति और परंपरागत विरासत की झांकी पेश की गई.. तो आइए उसपर डालते हैं एक नजर....
परेड में दिखी भारतीय सेना के T-90 भीष्म टैंक की झलक
सबसे पहले तीनों सेनाओं ने अपने हथियारों का प्रदर्शन किया. राजपथ पर भारतीय सेना का T-90 भीष्म टैंक को पेश किया गया. इस टैंक को कैप्टन सन्नी चहर कमांड कर रहे थे. इसके अलावा के-9 वज्र-टी टैंक की भी परेड में शामिल किया गया. कैप्टन अभिनव साहू इस टैंक को कमांड कर रहे थे.
नेवी ने बोइंग पी8I लॉन्ग रेंज मेरीटाइम पट्रोल एयरक्राफ्ट और कोलकाता क्लास डिस्ट्रायर को पेश किया गया. राजपथ पर भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट की टुकड़ी भी नजर आयी. इनके कदम ताल ने सभी का दिस मोह लिया.
कुल 45 विमान और हेलीकॉप्टरों ने परेड में हिस्सा लिया
इस बार कुल 45 विमान और हेलीकॉप्टरों ने परेड में हिस्सा लिया. जिनमें 41 वायुसेना के हैं और चार (04) हेलीकॉप्टर थलसेना के थे. फ्लाई पास्ट परेड की शुरूआत और आखिर में दो हिस्सों में हुआ. सभी विमान राजपथ और इंडिया गेट के बीच 60 से 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़े. इस बार राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के लिए वायुसेना लीड एजेंसी रही,
हर साल तीनों सेनाओं में से एक को कोर्डिनेटर बनाया जाता है. इस बार ये जिम्मेदारी वायुसेना के पास थी.
राजपथ पर परेड की शुरूआत वायुसेना के चार (04) एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर्स से हुई जिन्होंने वाई-फोरमेशन बनाया. इनमें से एक हेलीकॉप्टर पर तिरंगा लहरा रहा था और बाकी तीन पर तीनों सेनाओं के (यानि थलसेना वायुसेना और नौसेना के) झंडे दिखाई दे रहे थे.. इसके बाद थलसेेना के चार (04) एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर आए. इसके बाद राजपथ पर मुख्य परेड शुरू हो हुई.
इसके बाद तीन चिनूक हेलीकॉप्टर ने विक फोरमेशन बनाया फिर अपाचे हेलीकॉप्टर आए.
चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टरों ने गणतंत्र दिवस परेड में लिया हिस्सा
नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए चिनूक और अपाचे युद्धक हेलीकॉप्टर गणतंत्र दिवस की भव्य सैन्य परेड में आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे.चिनूक दूरदराज के स्थानों तक व्यापक स्तर पर सामग्री को पहुंचा सकता है. यह ट्वीन रोटर वाला हेलीकॉप्टर है जिससे भारतीय वायु सेना की सैन्य और आपदा संबंधी भार क्षमता बढ़ी है.
वहीं अपाचे हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मारक क्षमता वाला हेलीकॉप्टर है जो दुश्मनों पर कहर ढा सकता है.
इससे भारतीय सशस्त्र बलों को दुश्मनों के खिलाफ युद्धक्षेत्र में महत्वपूर्ण बढ़त मिलती है.
डीआरडीओ की ए-सैट हथियार प्रणाली गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनी
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की उपग्रह रोधी (ए-सैट) हथियार प्रणाली रविवार को गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनी. किसी भी देश की आर्थिक और सैन्य सर्वोच्चता के लिए अंतरिक्ष महत्वपूर्ण आयाम है और इसमें ए-सैट हथियार आवश्यक रणनीतिक प्रतिरोध प्रणाली में अहम भूमिका निभाता है.
पिछले साल मार्च में डीआरडीओ ने भारत के पहले ए-सैट मिशन ‘मिशन शक्ति’ को लॉन्च किया था. यह भारत का पहला ए-सैट मिशन है जो विरोधी उपग्रहों को मार गिराने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन करता है. इसके लॉन्च के बाद इस क्षमता को रखने वाले अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की सूची में भारत शामिल हो गया था.
गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार दिखाई गई धनुष तोप
राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में रविवार को पहली बार ‘धनुष’ तोप का प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन कैप्टन मृगांक भारद्वाज की कमान में किया गया.155एमएम/45 कैलीबर धनुष तोप को होवित्जर तोप की तरह डिजाइन किया गया है। यह आयुध निर्माणी बोर्ड द्वारा स्वदेश निर्मित है.
अधिकतम 36.5 किलोमीटर दूरी की मारक क्षमता वाली इस तोप में स्वचालित बंदूक अलाइनमेंट और पोजिशनिंग की क्षमता है. इस तोप को सेना की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाया गया है.
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