हैदराबाद: यूं तो होली रंगों का त्योहार है, लेकिन ये रंगों का त्योहार भी बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है. ऐसा ही खास संदेश दे रही है कोटा की आदर्श होली की झांकियां. यहां पर हैदराबाद एनकाउंटर से लेकर बाघों की सुरक्षा और चंबल नदी के संरक्षण तक पर झांकियां तैयार की गई हैं.


हैदराबाद एनकाउंटर पर बनाई गई झांकी
हैदराबाद में हुए एनकाउंटर की याद एक बार फिर ताज़ा हो गई, जब हैदराबाद एनकाउंटर की सजीव दिखने वाली झांकी बनाई गई. इस झांकी में फ्लाईओवर और उसके नीचे खड़ी बस के पास आरोपियों की की लाशें पड़ी नज़र आ रही हैं. पुलिस का स्वागत करती पब्लिक और मीडिया कर्मी दिख रहे हैं. पुलिस का इंटरव्यू लेते हुए मानों बिलकुल नज़ारा वही है.



सवालों में बाघों की सुरक्षा
दूसरी तरफ़ इस झांकी में रणथम्भोर राष्ट्रीय बाघ उधान में बाघों के लापता होने और बाघ के शिकार से जुड़ी एक झांकी तैयार की गई है. इस झांकी के ज़रिए कोटा के मुकुंदरा बाघ सेंचुरी में बाघों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं.



चम्बल नदी को कौन बचाएगा...
कोटा चम्बल नदी को मां का दर्जा देता है, लेकिन जिस दौर से चम्बल गुज़र रही है, वो हर किसी पर सवाल खड़े करता है, क्यूँकि चम्बल दिन ब दिन मैली हो रही है. अपने स्वरूप को खो रही है ओर गंदे नाले चम्बल में छोड़े जा रहे हैं, जिसके बाद चम्बल का स्वरूप बिगड़ गया है. चम्बल नदी के स्वरूप को बनाकर चम्बल को बचाने का संदेश दिया गया हे.



तो ये त्योहार भी अपने साथ बुराईयों को छोड़ अच्छाई को अपनाने का संदेश देता है और इन झांकियों के साथ भी हमें हमारे समाज और हमारे बीच की बुराईयों को दूर करने का संदेश मिलता है, जिन्हें हम अपने जीवन में दूर करने का प्रण लेकर बदलाव की बयार ला सकते हैं.