नई दिल्ली: सरकार ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली है. इन लोगों की सुरक्षा अब अर्धसैनिक बल करेंगे. तीनों को जेड प्लस सुरक्षा कवर दिया गया है. हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा को भी एसपीजी से घटाकर जेडप्लस किया गया था.


सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने 2005 से 2014 के बीच कई बार बुलेटप्रूफ गाड़ी के अतिरिक्त सामान्य कार से देश के अन्य हिस्सों में यात्रा की और जोखिम उठाया जोकि एसजपीजी की सुरक्षा की दृष्टि से बेहद खतरनाक है.


पिछले पांच साल में ऐसे 1800 मौके आए जब राहुल गांधी ने एसपीजी के सुरक्षा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए गैर बुलेटप्रूफ गाड़ी से यात्रा की. साल 2015 से लेकर साल मई 2019 तक 1892 ऐसे मौके आए जब राहुल गांधी ने बुलेटप्रूफ गाड़ी का इस्तेमाल दिल्ली में ही नहीं किया. इसका मतलब हुआ कि तकरीबन हर रोज उन्होंने नॉन बुलेटप्रूफ गाड़ी का इस्तेमाल किया.


जून 2019 से अब तक 247 ऐसे मौके आए जब उन्होंने बुलेटप्रूफ गाड़ी छोड़कर साधारण गाड़ी से दिल्ली में सफर किया. इसके अलावा कई मौकों पर राहुल गांधी ने कार की छत पर सफर किया जोकि मोटर व्हीकल एक्ट और सुरक्षा एजेंसी एसपीजी सुरक्षा निर्देशों का भी उल्लंघन है.



4 अगस्त 2017 को गुजरात के बनासकांठा में राहुल गांधी एक साधारण कार में सफर कर रहे थे और एसपीजी की सुरक्षा निर्देशों का उल्लंघन कर रहे थे, तभी पथराव की घटना भी हुई और उसमें एक एसपीजी का सुरक्षा अधिकारी घायल हो गया था. यह घटना टाली जा सकती थी, अगर राहुल गांधी एसपीजी की सुरक्षा निर्देशों का का पालन करते हुए बुलेट प्रूफ कार से सफर करते.


इस घटना को कांग्रेस पार्टी ने संसद में भी उठाया था और मुद्दा बनाने की कोशिश की थी. उस समय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के पटल पर लोकसभा में बयान दिया था कि राहुल गांधी ने एसपीजी की बुलेटप्रूफ कार का 100 से ज्यादा बार इस्तेमाल नहीं किया जबकि वह इस दौरान 121 बार दौरे पर गए थे.


सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी 156 विदेश यात्राओं के दौरान 143 बार एसपीजी के अधिकारियों को साथ नहीं ले गए. 1991 से उनको एसपीजी कवर मिला हुआ है, तबसे ऐसी 143 विदेश यात्राएं कीं और इस दौरान आखिरी वक्त पर ही, जब एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले होते थे एसपीजी अधिकारियों को अपनी विदेश यात्रा के बारे में सूचना दी, जबकि यात्रा से पूर्व कई दिनों पहले सूचना देना अनिवार्य है. इसके अलावा राहुल गांधी ने पिछले 5 साल में कई बार अपने भाषण में एसपीजी को भी घसीटा. जो कि सुरक्षा एजेंसी के मानकों के मुताबिक नहीं है.



सोनिया गांधी ने भी 2015 से लेकर मई 2019 तक 50 ऐसे मौके आए जब बुलेटप्रूफ गाड़ी का इस्तेमाल नहीं किया. कई बार राहुल गांधी ने खुद गाड़ी चलाई और सोनिया गांधी उनके बगल में बैठी थीं और वह कार बुलेट प्रूफ नहीं थी. कई ऐसे मौके आए जब सोनिया गांधी ने बिना निश्चित या तय कार्यक्रम के देश के अलग-अलग हिस्सों में यात्रा की. पिछले 5 साल में इस दौरान सोनिया गांधी ने भी बुलेटप्रूफ कार का इस्तेमाल नहीं किया. सोनिया गांधी ने 2015 तक की विदेश यात्राओं के दौरान 24 मौकों पर एसपीजी अधिकारियों को अपने साथ नहीं लिया.


सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी की सुरक्षा के दौरान साल 2015 से मई 2019 तक 339 ऐसे मौके आए जब दिल्ली में ही प्रियंका गांधी ने बुलेट प्रूफ कार का इस्तेमाल नहीं किया. 64 ऐसे मौके आए जब प्रियंका गांधी ने देश के दूसरे हिस्सों की यात्रा के दौरान बुलेटप्रूफ कार का इस्तेमाल नहीं किया. जबकि एसपीजी के अधिकारी और एसपीजी के निर्देश के मुताबिक ऐसा बेहद जरूरी है.


1991 से अब तक 99 विदेश यात्राओं के दौरान 21 मौकों पर ही प्रियंका गांधी ने एसपीजी अधिकारियों को अपनी विदेश यात्रा की जानकारी दी, 78 मौकों पर उन्होंने न तो एसपीजी अधिकारियों को विदेश यात्रा की जानकारी दी और न ही अपने साथ ले जाना उचित समझा. जो कि सुरक्षा निर्देशों का खुला उल्लंघन है. ज्यादातर मौकों पर प्रियंका गांधी ने भी अपनी विदेश यात्राओं की जानकारी आखिरी वक्त पर ही एसपीजी अधिकारियों को मुहैया कराई.



(फाइल फोटो)

साल 2014 से अब तक कई ऐसे मौके आए जब प्रियंका गांधी ने एसपीजी अधिकारियों पर तोहमत लगाई और यह कहा उनकी निजी सूचनाओं को गैर अधिकृत लोगों के साथ साझा कर रहे हैं. इसके अलावा प्रियंका गांधी ने एसपीजी के कुछ अधिकारियों को यह धमकी भी दी कि वे उन पर कानूनी कार्रवाई करेंगी. एसपीजी ने समय-समय पर एजेंसी के ऊपर लगाए गए आरोपों को लेकर सफाई भी दी और उसका प्रतिरोध भी किया.


एसपीजी एक उच्च मानकों वाली सुरक्षा एजेंसी है और वह अपने कड़े और स्पष्ट चार्टर के मुताबिक ही कार्य करती है. सूत्रों के मुताबिक ये सभी मौके ऐसे थे, जब एसपीजी को लगा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उनके निर्देशों का उल्लंघन कर लगातार एसपीजी सुरक्षा की जरूरत ना होने का प्रदर्शन कर रहे हैं और जब सुरक्षा एजेंसियों को भी लगा कि अब गांधी परिवार पर सुरक्षा की दृष्टि से खतरा कम हो गया है तब गृह मंत्रालय ने इन तीनों नेताओं के एसपीजी सुरक्षा कवर हटाने का निर्णय लिया. अब तीनों नेताओं को अर्ध सैनिक बलों से जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराई गई है.