नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के शाहदरा इलाके के यूनियन बैंक में रविवार को हुई चोरी की वारदात को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है. 55 लाख की इस चोरी की वारदात में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक बेहद शातिराना तरीके से इस वारदात को अंजाम दिया गया था. 


दरअसल सोमवार को फर्श बाजार पुलिस को सूचना मिली कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में चोरी हो गई है. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि बैंक से सटी निर्माणधीन इमारत से बैंक की दीवार को तोड़कर बैंक के स्ट्रांग रूम में सेंधमारी की गई है. मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की. जांच में पुलिस ने पाया कि वारदात रविवार का दिन की गई है क्योंकि इस दिन बैंक बंद रहता है इतना ही नही मौका-ए-वारदात को देखकर ये भी समझ आ रहा था कि चोरी की इस वारदात को अंजाम किसी ऐसे शख्स ने दिया है जो बैंक और उसके आसपास के हालात से पूरी तरह से वाकिफ था. बैंक के अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि बैंक में 55 लाख की चोरी हुई है.


पुलिस ने जांच शुरू की और करीब 50 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला उस दौरान पुलिस एक सीसीटीवी कैमरे की स्थिति बिगड़ी हुई नजर आयी जब उस कैमरे की फूटेज को ध्यान से देखा गया तो पुलिस को एक शख्स का आधा चेहरा और एक हाथ नजर आया. पुलिस को इस शख्स पर शक हुआ. पुलिस ने उसके बारे में पूछताछ शुरू कि तो पता चला वो इस निर्माणधीन ईमारत का राज मिस्त्री हरिराम है और यहां पर 2 साल पहले गार्ड का काम भी कर चुका है और अभी भी बैंक के बगल वाली गली में गॉर्ड का काम कर रहा है.


पुलिस को पता चला कि इस शख्स का नाम हरिराम है पुलिस ने हरिराम नाम के इस शख्स को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ शुरू की शुरुआत में तो हरिराम पुलिस को बरगलाने लगा और घटना से अनजान बनने की कोशिश करने लगा लेकिन जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो वो टूट गया और उसने सुनाई इस सनसनीखेज चोरी की पूरी कहानी. 


कैसे दिया गया चोरी को अंजाम?


हरिराम ने पुलिस को बताया कि इस घटना की प्लानिंग उसने 3 महीने पहले कर ली थी लेकिन दीवार काटने के लिए जो गैस कटर उसे चाहिए था वो उसे लॉकडाउन की वजह से नहीं मिल पा रहा था. रविवार को उसने सब समान अरेंज किया और चोरी की इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दे डाला. पुलिस के मुताबिक उसने निर्माणाधीन इमारत में लगे ताले को पहले ही बदल दिया था और उसकी चाबी उसने अपने पास ही रख ली थी. उसी की मदद से वो बिल्डिंग में दाखिल हुआ और गैस कटर की मदद से बैंक से सटी दीवार में छेद कर बैंक में घुस गया. उसने स्ट्रांग रूम में रखे छोटे लॉकर को तोड़कर करीब 55 लाख रुपए की चोरी की और उसके बाद वो फ़रार हो गया. 


बैंक को इस वारदात की जानकारी अगले दिन यानी सोमवार को तब मिली जब बैंक खुला. पुलिस के मुताबिक इस वारदात में हरिराम के साथ उसका एक और साथी कालीचरण भी शामिल था. चोरी की कुछ रकम ने उसने कालीचरण की मदद से वाटर टैंक में छिपा दी थी. 


चोरी की इस पूरी कहानी में सबसे हैरानी की बात ये है कि जिस हरिराम ने बैंक में चोरी की घटना को अंजाम दिया था बैंक ने उसी हरिराम को उस टूटी हुई दीवार की मरम्मत के लिए बुलाया था. अगले दिन हरिराम बैंक में पहुंचा और पूरी दीवार की मरम्मत कर दी. इस वारदात से वो बिल्कुल अंजान रहा. 


जुए में 10 लाख रुपये हार गया था हरिराम


पूछताछ में हरिराम ने बताया कि चोरी की घटना को अंजाम देने के पीछे हरिराम ने बताया कि वो जुए में करीब 10 लाख रुपए हार चुका था और उसके ऊपर भारी कर्जा हो चुका है उसी की भरपाई करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था. फिलहाल हरिराम और कालीचरण पुलिस की गिरफ्त में है, पुलिस ने हरिराम के पास से करीब 54 लाख 50 हजार रुपए की बरामदगी भी कर ली है.


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