Trending: शशि थरूर ने नोटबंदी को बताया 'ओन गोल', जानिए फैसले के तीन साल पूरे होने पर किसने क्या कहा
Third anniversary of Notebandi: नोटबंदी के तीन साल पूरा होने के बाद आज लोग एक बार फिर इस फैसले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. राहुल गांधी ने जहां इसे आतंकी हमला बताया तो वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस फैसले को मोदी सरकार का 'ओन गोल' करार दिया है.
Third anniversary of Notebandi: नवंबर 2016 में आज ही के दिन एक बड़ा फैसला हुआ था. देश में आज ही के दिन तीन साल पहले नोटबंदी लागू हुई थी. केंद्र सरकार ने फैसला किया था कि अब से 500 और 1000 के नोट देश में नहीं चलेंगे. सरकार ने फैसले के पीछे की वजह बताते हुए कहा था कि यह कदम आतंकवाद खत्म करने, कालेधन को समाप्त करने, नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने, भ्रष्टाचार खत्म करने और देश को डिजिटल बनाने के लिए लिया गया है. नोटबंदी के बाद से ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इसे बड़ी उपलब्धी के तौर गिनवाती रही है. वहीं देश के कई अर्थशास्त्रियों और विपक्ष ने इसके उलट अपनी राय रखी थी. नोटबंदी को लेकर जनता के बीच से मिली-जुली प्रतिक्रिया आई थी.
आज नोटबंदी के तीन साल पूरे हो गए हैं तो ऐसे में फिर आज सुबह से ही लोग मोदी सरकार के उस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया सोशल नेटवर्किंग साइट पर जाहिर कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि राजनेताओं से लेकर आम आदमी तक किसने इस फैसले को लेकर आज क्या कहा है.
किसने नोटबंदी को लेकर क्या कहा
कांग्रेस पार्टी के ट्विटर हैंडल से बीजेपी पर निशाना साधा गया है. कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि नोटबंदी का एक मुख्य लक्ष्य था कि सिस्टम से फेक करेंसी को खत्म किया जाए लेकिन इस फैसले के एक साल के अंदर फेक करेंसी की संख्या देश में डबल हो गई.
नोटबंदी में नकली मुद्रा को खत्म करने के बड़े-बड़े दावे किए गए थे। मगर, नकली मुद्रा खत्म होना तो दूर, उल्टे बढ़ती ही गई। जब बिना सोचे-समझे नीतियां लागू होगी, तो उनकी विफलता निश्चित है।#NotebandiSeMandiTak pic.twitter.com/R3C4Bi6NDw
— Congress (@INCIndia) November 8, 2019
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी नोटबंदी के तीन साल होने पर एक बार फिर पीएम मोदी पर हमला बोला. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी की तीसरी सालगिरह पर इस देश में आतंकी हमला बताया है. राहुल गांधी ने कहा है कि नोटबंदी के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए. राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा है, “नोटबंदी आतंकी हमले को तीन साल गुजर गए हैं, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया, कई लोगों की जान ले ली, कई छोटे कारोबार खत्म कर दिए और लाखों भारतीयों को बेरोजगार कर दिया.”
राहुल ने हैशटैग ‘डीमोनेटाइजेशन डिजास्टर’ का इस्तेमाल करते हुए कहा कि इस निंदनीय हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के समक्ष लाया जाना बाकी है. वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि नोटबंदी एक आपदा थी, जिसने हमारी अर्थव्यवस्था नष्ट कर दी. इस ‘तुग़लकी’ कदम की जिम्मेदारी अब कौन लेगा?
It’s 3 yrs since the Demonetisation terror attack that devastated the Indian economy, taking many lives, wiping out lakhs of small businesses & leaving millions of Indians unemployed.
Those behind this vicious attack have yet to be brought to justice. #DeMonetisationDisaster pic.twitter.com/NdzIeHOCqL — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 8, 2019
कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने भी नोटबंदी पर निशाना साधा. उन्होंने इस फैसले को 'ओन गोल' करार दिया. शशि थरूर ने ट्वीट किया, ''सभी ओन गोल में यह ऑन गोल टॉप पर रहा''
The "own-goal" to top all own-goals! #DemonetisationDisaster pic.twitter.com/t0dVd9zNTc
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 8, 2019
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा,'' आज नोटबंदी की तीसरी वर्षगांठ है. घोषणा के कुछ ही मिनटों के भीतर ही मैंने कहा था कि यह अर्थव्यवस्था और लाखों लोगों के जीवन को बर्बाद कर देगा. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, आम लोग और सभी विशेषज्ञ अब सहमत हैं. RBI के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि यह एक निरर्थक अभ्यास था.''
Today is the third anniversary of #DeMonetisationDisaster. Within minutes of announcement, I had said that it will ruin the economy and the lives of millions. Renowned economists, common people & all experts now agree. Figures from RBI have also shown it was a futile exercise 1/2
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 8, 2019
कर्नाटक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी.के. शिवकुमार ने भी नोटबंदी को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है कि आर्थिक रूप से नोटबंदी ने भारत के छोटे व्यवसायों को नष्ट कर दिया.
Economically, demonetisation destroyed India's small scale businesses resulting in huge job losses and a prolonged slowdown
Psychologically, it eroded the faith common people have in banks and investors in stable policy making#DeMonetisationDisaster is a case study in failure pic.twitter.com/RQ5TkQsLXq — DK Shivakumar (@DKShivakumar) November 8, 2019
अरुण नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि नोटबंदी एक आपदा थी. इससे लोग बंटे, जिंदगियां गई, नौकरी गई, देश की आर्थिक स्थिति खराब हुई.
Third anniversary of maniac made disaster.
'Demonetization Dividend: Lives lost, jobs lost, economic growth arrested, put India's future in jeopardy. Never again.#EconomicDisaster#Demonitization #DeMonetisationDisaster — Arun (@arunmano1) November 8, 2019
वहीं करुणा नाम की एक यूजर ने लिखा है कि एक आम नागरिक के तौर पर मुझे नोटबंदी में कुछ खराबी नहीं दिखी. उन्हें परेशानी जरूर हुई जो तकिए के नीचे पैसा छिपा कर रखते थे. इसमें राजनेता भी शामिल थे.