Svaavalamban 2024: भारतीय नौसेना पिछले दो सालों से लगातार भारत में बने स्वदेशी उपकरणों को देश और दुनिया के सामने प्रदर्शित करती आ रही है. इसी कड़ी में दिल्ली के भारत मंडपम में 28 और 29 अक्टूबर को भारतीय नौसेना के सेमिनार ‘स्वावलंबन 2024’ के तीसरे चरण का आयोजन किया गया है, वहां भारत में स्पेसिफिक टेक्नोलॉजी से बने स्वदेशी उपकरण को प्रदर्शित किया जाएगा जो भारतीय नौसेना आने वाले दिनों में इस्तेमाल कर सकती है.


साल भर में भारतीय नौसेना के लिए कैसे कैसे उपकरण बने और कैसे मेक इन इंडिया प्रोग्राम लगातार ऊंचाइयां छू रहा है, 'स्वावलंबन 2024' में उसकी झलक देखने को मिलेगी. वैसे, यह कार्यक्रम पिछले दो सालों से होता आ रहा है. पिछले दो चरणों के दौरान भारतीय नौसेना को भारतीय उद्योगों से दो हजार से अधिक प्रस्ताव मिले थे, जिन्हें 155 चुनौतियों में परिवर्तित कर प्रोटोटाइप का विकास किया गया. 


AI-क्वांटम टेक्नोलॉजी वाले मॉडर्न उपकरण होंगे प्रदर्शित 


28 और 29 अक्टूबर को होने वाले इस कार्यक्रम में एयर एंड सरफेस सर्विलांस, सतह में स्वायत्तशासी प्रणाली, आकाशीय और पानी के नीचे का क्षेत्र, एआई और क्वांटम टेक्नोलॉजी वाले मॉडर्न उपकरणों को प्रदर्शित किया जाएगा. भारत मंडपम में 28 और 29 अक्टूबर को होने वाले भारतीय नौसेना के सेमिनार ‘स्वावलंबन 2024’ से पहले प्रेस कांफ्रेंस के दौरान नौसेना के वाइस चीफ कृष्णा स्वामीनाथन ने एलएसी पर गतिरोध खत्म होने को लेकर खुशी भी जाहिर की. नौसेना के वाइस चीफ ने कहा, "सब खुश हैं. ये सभी राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले हैं.


"स्वावलंबन 2024 का उद्देश्य नौसेना के स्वदेशीकरण प्रयासों को बढ़ावा देना" 


उन्होंने कहा कि ये इतना आसान नहीं होता. एक समय में कई सारे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे कई एलिमेंट को एड्रेस करना पड़ता है, अलग अलग तरह के व्यू है, पर्सेप्शन हैं, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं, हम इससे खुश हैं." वहीं, स्वावलंबन - 2024 को लेकर नौसेना के वाइस चीफ ने कहा कि इसका उद्देश्य भारतीय नौसेना के नवाचार और स्वदेशीकरण प्रयासों को बढ़ावा देना है.


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