रक्षा मंत्रालय ने जारी की तीसरी 'पॉजिटिव-लिस्ट', Defence से जुड़े करीब 2500 उपकरणों के आयात पर लगाई रोक
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस आत्मनिर्भर पहल से हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होगी.
रक्षा मंत्रालय ने डिफेंस पीएसयू द्वारा देश में तैयार किए जाने वाले हथियारों और दूसरे सैन्य साजो-सामान में इस्तेमाल किए जाने वाले करीब 2500 उपकरणों और उप-प्रणालियों के आयात पर रोक लगा दी है. अब इन सभी उपकरणों को रक्षा क्षेत्र के सरकारी उपक्रम स्वदेशी कंपनियों से ही खरीदेंगे. इस बाबत रक्षा उत्पादन विभाग ने एक सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की है. पिछले डेढ़ साल में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई ये तीसरी 'पॉजिटिव-लिस्ट' है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने और सार्वजनिक रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) द्वारा आयात को कम करने के प्रयासों के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय के "डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडेक्शन द्वारा उप-प्रणालियों, संयोजनों, उप-संयोजनों, घटकों की सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची अधिसूचित की गई है. इस सूची में शामिल 2500 आयातित वस्तुओं को पहले ही स्वदेशीकरण किया जा चुका है और 351 आयातित वस्तुओं को अगले तीन वर्षों में स्वदेशीकरण किया जाएगा."
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस आत्मनिर्भर पहल से हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होगी.
‘आत्मनिर्भर भारत' अभियान के अंतर्गत रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स यानि सैन्य मामलों के विभाग द्वारा हथियारों, सैन्य-प्लेटफार्म और गोला-बारूद आदि की दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियां पहले ही जारी की जा चुकी हैं. इन सूचियों में करीब 200 तरह के हथियार और सैन्य साजो सामान शामिल हैं, जिनमें राइफल, तोप, हेलिकॉप्टर, जंगी जहाज और क्रूज मिसाइल तक शामिल हैं. इन हथियारों और दूसरे सैन्य साजो सामानों को सशस्त्र-सेनाएं स्वदेशी कंपनियों से ही खरीद पाएंगी.
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