नई दिल्ली: कुलभूषण को फांसी की सज़ा दिए जाने पर पूरा देश गुस्से में हैं. पाकिस्तान के खिलाफ अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं. लेकिन कुछ परिवार ऐसे हैं जो कुलभूषण को फांसी की सज़ा दिए जाने पर खून के आंसू रो रहे हैं. कुलभूषण की घटना ने उनके जख्मों को ताजा कर दिया है.


दीपक सिंह का परिवार


दीपक सिंह के पिता चमेल सिंह 2008 में गलती से पाकिस्तानी सीमा में चले गए थे. 2013 में खबर आई कि पाकिस्तान की जेल में रहस्यमय हालात में उनकी मौत हो गई. कुलभूषण को फांसी की सजा दिए जाने से दीपक सिंह को अपने पिता के साथ हुई नाइंसाफी याद आ गई.


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कुलभूषण की सजा पर दीपक सिंह का कहना है, ‘’कुलभूषण जाधव को बेदर्दी से फांसी दी जा रही है. मैं भारत सरकार से कहता हूं कि पाकिस्तान के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और कुलभूषण को भारत लाया जाए.’’


पाकिस्तान को सजा सुनाए जाने की जरूरत- चमेल सिंह की पत्नी


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वहीं चमेल सिंह की पत्नी को दर्द है कि भारत सरकार अक्सर पाकिस्तान पर नरम हो जाती है जबकि पाकिस्तान को सजा सुनाए जाने की जरूरत है. वह कहती हैं, ‘’पाकिस्तान ने सरबजीत के साथ भी कुछ ऐसा ही किया था. जिन्हें जासूसी और आतंकवाद का आरोप लगा कर फांसी सुनाई गई थी, लेकिन भारत के दबाव के बाद सजा तो टाल दी. लेकिन फिर पाकिस्तान की जेल में कैदियों से हमला करवाकर सरबजीत की हत्या करवा दी गई. अब सरबजीत की पत्नी सुखप्रीत कौर को भी कुलभूषण की चिंता सता रही है.’’


भारतीय कैदी कृपाल सिंह की भी हुई थी संदेहास्पद मौत


कुछ ऐसा ही भारतीय कैदी कृपाल सिंह के साथ हुआ. 1992 से जेल में बंद कृपाल सिंह की मौत भी संदेहास्पद तरीके से कोट लखपत जेल में अब से एक साल पहले हुई थी. गुरदासपुर जिले के मुस्तफाबाद में कल उनकी बरसी बनाई गई.


इन सभी पीड़ितों का दर्द एक है. ये सभी पाकिस्तान की नापाक हरकतों से वाकिफ हैं और यही वजह है एक स्वर में सरकार से मांग कर रहे हैं कि जो इनके अपनों के साथ हुआ वो कुलभूषण के साथ ना हो.