DK Shivakumar: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच सीबीआई कर रही है. इस मामले को रद्द करने के लिए उपमुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे आज कोर्ट ने आज ये कहते हुए खारिज कर दिया है कि याचिका में कोई दम नहीं है और मामले में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है. कोर्ट के इस फैसले को डीके शिवकुमार ने अनुचित बताया है और उन्होंने सीबीआई की इस कार्रवाई को राजनीति से भरा प्रतिशोध करार दिया. 


वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, "मैं सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करूंगा और देखूंगा की आगे कैसे अपील कर सकता हूं. मेरे सारे मामले राजनीति और प्रतिशोध से भरे हुए हैं. जब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आई तो जांच के लिए सीबीआई को दी गई अनुमति वापस ले ली गई और मामले लोकायुक्त को सौंप दिया गया लेकिन इसके बाद भी सीबीआई ने जांच जारी रखी. यह सब कुछ सरकार की सहमति वापस लेने के बाद हो रहा है, जो कि बिल्कुल अनुचित है."


सिद्धारमैया सरकार ने सहमति ली वापस


पिछले साल ही सत्ता में आई कांग्रेस ने सीबीआई जांच के लिए अपनी सहमति वापस ले ली थी. सीएम सिद्धारमैया ने पूर्व की भाजपा सरकार पर अवैध रूप से जांच को सीबीआई को सौंपने का आरोप भी लगाया था. इसके बाद भाजपा और जेडीएस ने सरकार पर आरोप लगाया था कि सिद्धारमैया सरकार डीके शिवकुमार को बचाने की अनैतिक चाल चल रही हैं और उनके इस बयान की कड़ी निंदा भी की थी. 


क्या है पूरा मामला?


दरअसल, सीबीआई का आरोप है कि डीके शिवकुमार ने 2013 से 2018 के बीच अर्जित की गई संपत्ति का कोई भी साफ आय स्रोत नहीं पता चला रहा है. उन पर करीबन 74 करोड़ रुपये के हेराफेरी का आरोप है. इस मामले में सीबीआई ने 2020 में मामला दर्ज किया था. दर्ज किए गए मामले को डीके शिवकुमार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. 


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