नई दिल्ली: सीबीएसई पेपर लीक मामले में अब क्राइम ब्रांच की ओर से एक नई थ्योरी पेश की गई है. जिसमें इस बात का खुलासा किया गया है कि आखिर किस प्रकार से इस पूरे प्रक्रम को अंजाम दिया गया.


क्राइम ब्रांच के मुताबिक, 12वीं का इकोनॉमिक्स का पेपर 10 व्हाट्सएप ग्रुप पर लीक हुए था. हर ग्रुप में करीब 50 लोग मौजूद थे, जिनमें ट्यूटर्स, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स तक शामिल थे. क्राइम ब्रांच को 26 तारीख को 4 मोबाइल नंबरों के साथ इकोनॉमिक्स के सॉल्व पेपर rouse avenue आफिस में  एक पार्सल के जरिये मिले थे. पार्सल में मिले सभी नंबर ट्यूटर्स के हैं, जो किसी न किसी व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड थे.


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ऐसे हुआ मामले का खुलासा 


दरअसल, 23 मार्च को CBSE को एक अज्ञात शख्स ने अलर्ट किया था, एक फैक्स भेजा था और दिल्ली के एक कोचिंग सेन्टर और 2 स्कूलों पर पेपर लीक करने का आरोप लगाया था . लेकिन शुरुआक में इस जानकारी पर सीबीएसई की तरफ से तीन दिनों तक कोई एक्शन नहीं लिया गया. इसके बाद 26 मार्च को सीबीएसई के rouse avenue आफिस में एक कूरियर मिला, जिसमें 4 पेज में 12वीं क्लास के इकोनॉमिक्स के प्रश्न पत्र के जवाब लिखे हुए थे , साथ ही उसमें 4 लोगों के मोबाइल नंबर भी लिखे हुए थे. जिन्होंने व्हाट्सएप पर ये question paper रिसीव किये थे.


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हालांकि दूसरी बार अगाह करने के बावजूद भी सीबीएसई ने पेपर्स कैंसिल नहीं किए. इसके बाद 28 मार्च को तड़के सुबह 1 बजकर 39 मिनट पर devn532@gmail.com ईमेल आईडी से सीबीएसई चेयरपर्सन को ईमेल मिला. उस ईमेल के साथ 12 पेज अटेच थे, जिनमें गणित के पेपर और उनके जवाब मौजूद थे. इस मेल में पेपर को कैंसिल करने की अपील भी की गई थी. लेकिन सीबीएसई ने पेपर कैंसिल नहीं किए, एग्जाम होने के 90 मिनट बाद पुलिस को शिकायत देकर इस बात की जानकारी दी.


पुलिस को लगता है कि सीबीएसई को लगातार अलग-अलग तरीकों से फैक्स के जरिये, कूरियर के जरिये और ईमेल के जरिये अलर्ट करने वाला ये विस्सल ब्लोअर एक ही शख्स है, जो इस मामले को सुलझाने में एक अहम कड़ी साबित हो रहा है. जिसकी डेटेल्स निकालने के लिए सीबीएसई ने गूगल को चिट्टी लिखी है.