शराब छोड़ने के बाद बीमार पड़ रहे लोगों को अस्पताल भर्ती करने की जरूरत है- केंद्र
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें बंद रहने से जिन लोगों की शराब की लत छूट गई है उन पर इसका प्रभाव पड़ सकता है.ऐसे में गंभीर लक्षणों से पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है.
नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान शराब छोड़ने के बाद के गंभीर लक्षणों से पीड़ित व्यक्तियों को तत्काल भर्ती करने और उनका उपचार करने का परामर्श जारी किया है.
अपने परामर्श में मंत्रालय ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें बंद रहना उन लोगों के लिए छिपा हुआ एक वरदान है जो शराब को पूरी तरह छोड़ने के मौके का इंतजार कर रहे थे.
यह परामर्श अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के राष्ट्रीय मादक पदार्थ निर्भरता उपचार केंद्र के साथ मिलकर तैयार किया गया है. लेकिन यह अल्कोहल निर्भरता वाले कुछ व्यक्तियों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है. साथ ही उन पर शराब छोड़ने के बाद के गंभीर असर हो सकता है.
ऐसे लोगों पर उद्वेग, बेचैनी, शरीर में थरथराहट, भ्रम , होश-हवास बाधित हो जाना, अपने आसपास की समझ बिगड़ जाना, मतिभ्रम आदि मनोवैज्ञानिक प्रभाव हो सकते हैं. परामर्श के अनुसार ऐसे गंभीर मरीज को तत्काल चिकित्सकीय देखभाल और अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है.
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