दिल्ली का पहला प्राइवेट स्कूल जिसने अपने ऑडिटोरियम को कोविड केयर सेंटर में किया तब्दील
दिल्ली में कोरोना महामारी के चलते अस्पतालों में बेड्स की किल्लत से लोगों को जूझना पड़ रहा है. ऐसे में दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल ने अपने ऑडिटोरियम को कोरोना केयर सेंटर में तब्दील कर दिया है.
दिल्ली में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिये बेड्स की किल्लत से लोगों को लगातार जूझना पड़ रहा है. ऐसे में दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल ने अपने ऑडिटोरियम को कोरोना केयर सेंटर में तब्दील कर दिया है.
द्वारका स्तिथ माउंट कार्मेल स्कूल दिल्ली का पहला प्राइवेट स्कूल है जिसने अपने ऑडिटोरियम में 40 बेड्स का कोरोना केयर सेंटर तैयार किया है. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को माउंट कार्मेल स्कूल सोसाइटी द्वारका द्वारा शुरू किए गए 40 बेड्स के विजय विलियम कोरोना केयर सेंटर का दौरा किया.
ऑडिटोरियम में बने इस कोविड सेंटर में ऑक्सीजन बेड्स समेत सभी जरूरी दवाइयां उपलब्ध हैं.
खास बात ये है कि स्कूल के ऑडिटोरियम में बने इस कोविड सेंटर में ऑक्सीजन बेड्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और सभी जरूरी दवाइयां उपलब्ध हैं. उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस कोरोना केयर सेंटर को जरूरत पड़ने पर किसी भी बड़े अस्पताल से भी लिंक किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि स्कूल के संस्थापक डॉ. वी. के. विलियम की एक हफ़्ते पहले मृत्यु होने के बाद भी मुश्किल समय में माउंट कार्मेल स्कूल द्वारा उठाया गया ये कदम बहुत ही मानवता भरा है. इस सेंटर में मौजूद बेड्स, और बाकी सुविधाएं हमें आत्मविश्वास देती है कि हमारे पास इस संकट से लड़ने के लिए संसाधन हैं.
अब अस्पतालों में केवल 300-400 बेड्स बचे हुए हैं
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा विश्व एक कठिन समय से गुजर रहा है और 22 अप्रैल से 5 मई तक का समय दिल्ली के लिए काफी मुश्किल भरा था. इस समय कोरोना के सबसे ज्यादा मामले आ रहे थे. संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी. इस दौरान हमने अस्पतालों में बेड्स की संख्या 6 हजार से बढ़ाकर 20 हजार कर दी. लेकिन हम ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे थे.
कोरोना ऐप पर जानकारी मिलती थी कि अब अस्पतालों में केवल 300-400 बेड्स बचे हुए हैं. लेकिन अब दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर कम होता जा रहा है. अस्पतालों में भी बेड्स खाली हो रहे है ये दिखाता है कि हम संकट के दौर से धीरे-धीरे बाहर निकल रहे है. जिसका श्रेय डॉक्टरों और कोरोना योद्धाओं को जाता है.
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