वैश्विक मंदी की आहट के बीच जहां दुनियाभर की कई बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी करने में लगी है. वहीं दूसरी तरफ भारतीय कर्मचारियों को इस साल यानी 2023 में एशिया में सबसे ज्यादा सैलरी हाइक मिलने की आशंका है.


दरअसल, कंसल्टिंग फर्म कोर्न फेरी के सर्वे में ये बात सामने आई है कि इस साल भारत की कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारियों की सैलरी में 15 से 30 प्रतिशत से ज्यादा का इंक्रीमेंट हो सकता है. 


कंसल्टिंग फर्म के इस सर्वे से अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय कंपनियां इस साल वेतन वृद्धि में 9.8 प्रतिशत का इजाफा कर सकती है जो कि एशिया के अन्य देशों मुकाबले सबसे ज्यादा है. पिछले साल की बात करें तो साल 2022 में भारतीय कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के वेतन में 9.4 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.  


रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए इससे ज्यादा की भी बढ़त हो सकती है. सर्वे में लाइफ साइंस और स्वास्थ्य देखभाल और टेक्नोलॉजी सेक्टर में 10 फीसदी से अधिक की वेतन वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. 


कैसे हुआ सर्वे 


कंसल्टिंग फर्म कोर्न फेरी ने अपनी सैलरी फोरकास्ट सर्वे में भारत की 818 कंपनियों को शामिल किया. ये वो कंपनियां हैं जो भारत में संयुक्त रूप से आठ लाख से ज्यादा कर्मचारियों से जुड़ी है. सर्वे में पाया गया कि 61 प्रतिशत कंपनियां इस साल अपने बेहतर काम कर रहे कर्मचारियों के वेतन में 15 से 30 प्रतिशत की वृद्धि करने की बात कही है.


कुछ कंपनियों ने कहा कि वह अपने बेस्ट कर्मचारी के इससे भी ज्यादा का इंक्रीमेंट दे सकते हैं. वहीं हाई-टेक इंडस्ट्री, लाइफ साइंसेज और हेल्थकेयर सेक्टर में 10 प्रतिशत के ज्यादा की सैलरी हाइक मिल सकती है. 


क्या है वेतन बढ़ाने की वजह


देश में कोरोना महामारी से साल 2020 काफी प्रभावित रही थी. उन सालों में वेतन वृद्धि काफी कम रही. लेकिन अब 2023 में कोरोना से निजात मिलता नजर आ रहा है. यही कारण है कि इस साल एक स्थायी भविष्य के लिए कंपनी अपने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाकर उनका मनोबल बढ़ाने पर ध्यान देगी. 


भारत के अलावा कहां कितनी सैलरी हाइक 


भारत के अलावा इस कंसल्टिंग फर्म ने कई देशों की कंपनियों का भी सर्वे किया. जिससे पता चलता है कि इस साल ऑस्ट्रेलिया की कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों के वेतन में 3.5 फीसदी की वृद्धि हो सकती है.


इसके चीन में 5.5 प्रतिशत, हांगकांग में 3.6 प्रतिशत की वेतन वृद्धि, इंडोनेशिया में 7 प्रतिशत, मलेशिया में 5 प्रतिशत, कोरिया में 4.5 प्रतिशत, न्यूजीलैंड में 3.8 प्रतिशत, फिलपिंस में 5.5 फीसदी, सिंगापुर में 4 फीसदी तक सैलरी हाइक हो सकती है. वहीं 60 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों से काम के हाइब्रिड मॉडल को अपनाने को कहा है. 


क्या है हाइब्रिड वर्क मॉडल 


कोरोना महामारी ने लोगों को घर में बंद रहने पर मजबूर कर दिया. इस महामारी के बाद कॉरपोरेट से लेकर सरकारी संस्थानों तक ने काम करने का तरीका बदला है. इस महामारी के बाद पहले लोगों ने वर्क फ्रॉम होम (घर से काम करना शुरू किया) और उसके बाद अब ‘हाइब्रिड वर्क’ का जमाना आया है. 


यह एक वर्क कल्चर है जहां कंपनी उनके साथ जुड़े कर्मचारी अपनी सहुलियत के हिसाब से काम का मॉडल तय करते हैं. आसान भाषा में समझे तो हाइब्रिड मॉडल में कर्मचारी हफ्ते में कुछ दिन ऑफिस में काम करते हैं तो कुछ दिन घर से.


कई बड़ी कंपनियों में हो रही है छंटनी


वैश्विक मंदी के बीच दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. एक रिपोर्ट की मानें तो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट अपने कुल कार्यबल का पांच फीसदी यानी लगभग 11,000 कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है. इससे पहले भी यह कंपनी अक्टूबर के महीने में करीब 1,000 कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है. 


101 टेक कंपनियां कर चुकी हैं 25,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी


आर्थिक मंदी की आशंकाओं के बीच पिछले साल शुरू हुए कई टेक कंपनियों में छंटनी का दौर अभी भी जारी है. पिछले साल यानी 2022 में ट्विटर और मेटा सहित कई बड़ी कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों की छंटनी की थी और 2023 के शुरुआत से ही 17 दिनों में दुनियाभर की 101 टेक कंपनियां अपने 25,436 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी हैं.


बजट 2023 के बाद सरकारी कर्मचारियों की भी सैलरी बढ़ने की उम्मीद 


यूनियन बजट 2023 के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है. इस बार के बजट में केंद्र सरकार कर्मचारियों की मांग पर फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने का फैसला ले सकती है. हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. 


अगर फिटमेंट फैक्टर रिवाइज होता है तो केंद्रीय कर्मियों के लिए ये साल का सबसे बड़ा तोहफा साबित होगा. अगर सरकार कर्मचारियों की फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग पर विचार करती है तो कर्मचारियों की सैलरी बढ़ जाएगी.


आखिरी बार जब फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया गया था तब कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 6000 रुपये से सीधे 18,000  हो गई थी. ऐसे में अगर सरकार एक बार फिर से इसमें इजाफा करती है, तो कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये हो जाएगी.