हाथ में तिरंगा लेकर राजस्थान से मुंबई के लिए पैदल ही निकला ये शख्स, मुकेश अंबानी से मिलने की है ख्वाहिश, जानिए क्यों
हाथ में तिरंगा लेकर मुंबई की सड़कों पर चल रहा युवा मनोज व्यास राजस्थान के भीलवाड़ा का रहने वाला है. मनोज 11 मार्च से राजस्थान से मुंबई के लिए पद यात्रा पर निकला है.
पढ़ाई-लिखाई खत्म के बाद हर युवक यह सोचता है कि उसके हाथ को रोजगार मिले, लेकिन 135 करोड़ की आबादी वाला देश में हर पढ़े लिखे युवक के नसीब में रोजगार हो ये जरूरी हीं. देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. कई बार देश में पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है. बेरोजगारी और अपने राज्य राजस्थान में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने की मांग को लेकर एक युवक राजस्थान से पैदल मुंबई के लिए निकल पड़ा है. उसकी इच्छा देश और दुनिया के बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी से मुलाकात करने की है. मुकेश अंबानी से मिलकर वो अपने लिए रोजगार और अपने राज्य राजस्थान में फैक्ट्री लगाने के लिए मुकेश अंबानी से गुजारिश करना चाहता है.
हाथ में तिरंगा लेकर मुंबई की सड़कों पर चल रहा युवा मनोज व्यास राजस्थान के भीलवाड़ा का रहने वाला है. मनोज 11 मार्च से राजस्थान से मुंबई के लिए पद यात्रा पर निकला है. पद यात्रा के पीछे की तमन्ना रिलायंस कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी से मुलाकात करने की है. मनोज ने बातचीत में बताया कि राजस्थान के भीलवाड़ा क्षेत्र में बेरोजगारी बड़ी समस्या है. वो मुकेश अंबानी से मुलाकात कर मांग करेगा कि उनके क्षेत्र में बंद पड़े कारखाने को शुरू कर या फिर वहां रिलायंस की कंपनी शुरू कर युवाओं को रोजगार दें.
अगर ऐसा होता है तो वहां के लोगों को उनके क्षेत्र में रोजगार मिल सकता है. उन्हें दूसरे राज्यों में जाना नही पड़ेगा. मनोज ने बताया कि वो दिन में रोजाना 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलते हैं. रात में सड़क किनारे या फिर ढाबे पर आराम करते हैं. मनोज ने 11 मार्च से अबतक 1150 किलोमीटर पैदल चल चुका है. उसने बताया कि उसे पूरा उम्मीद है कि मुकेश अम्बानी बड़े दिल वाले इंसान है, वो उनसे मिलेंगे और उसकी मांगों पर गौर करेंगे और उसकी तपस्या रंग लाएगी. मनोज कि मुकेश अंबानी से मिलने की इच्छा पूरी होगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
ये भी पढ़ें- अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले पाक संसद में हाई वोल्टेज ड्रामा, चले जुबानी तीर, अब तक क्या-क्या हुआ?
ये भी पढ़ें- 'मुफ्त सुविधाओं की घोषणा करने वाली पार्टियों की मान्यता रद्द करने का अधिकार नहीं', सुप्रीम कोर्ट से बोला चुनाव आयोग